Total Count

गौरीकुण्ड|Gaurikund

 

गौरीकुण्ड|Gaurikund


गौरीकुण्ड, जिसका अर्थ है "गौरी का कुंड" (पर्वतीय हिमालयी क्षेत्र में स्थित एक कुंड), रुद्रप्रयाग जिले, उत्तराखंड में स्थित एक स्थान है। यह स्थान हिमालय की गोद में स्थित है और भगवान शिव के धाम, केदारनाथ के रास्ते में एक महत्वपूर्ण पड़ाव है।

गौरीकुण्ड में माता पार्वती (गौरी) को समर्पित एक मंदिर है। ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव के दर्शन से पहले माता पार्वती के दर्शन करना शुभ होता है। इसलिए, केदारनाथ की यात्रा पर जाने वाले भक्त आमतौर पर गौरीकुंड में रुकते हैं और माता गौरी की पूजा करते हैं।

गौरीकुण्ड में गर्म पानी का एक कुंड है, माना जाता है कि इसमें स्नान करने से धार्मिक और औषधीय महत्व होता है। इस स्थान का वातावरण शांत और सुंदर है। यहां से हिमालय की मनोरम दृश्य दिखाई देता है। पौराणिक था के अनुसार पार्वतीजी ने विवाह के बाद सर्वप्रथम गरम पानी से इसी कुण्ड में स्नान किया था. यहाँ पर पितरों को जल देने का विधान है. गौरीकुण्ड के पीले पानी से जो मिट्टी लाल, पीली एकत्र होती है उसका यहुत महात्म्य है. जो महिला इस कुण्ड में स्नान करती है और इस मिट्टी का टीका लगाती है वह सौभाग्यवती होती है.

धर्मिक ग्रंथों के अनुसार गौरीकुण्ड से जुड़ी कई धार्मिक मान्यताएं हैं। यहाँ कुछ प्रमुख धार्मिक महत्व बताये जा रहे हैं:

  • माता पार्वती को समर्पित मंदिर: गौरीकुण्ड में स्थित मंदिर माता पार्वती को समर्पित है, जिन्हें गौरी के नाम से भी जाना जाता है। केदारनाथ की यात्रा करने वाले भक्त आम तौर पर गौरीकुंड में रुक कर माता गौरी की पूजा-अर्चना करते हैं। ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव के दर्शन से पहले माता पार्वती के दर्शन करना शुभ होता है।

  • केदारनाथ यात्रा का महत्वपूर्ण पड़ाव: गौरीकुण्ड हिमालय की गोद में स्थित है और केदारनाथ जाने वाले यात्रियों के लिए एक महत्वपूर्ण पड़ाव है। भक्त यहाँ रुककर पूजा-पाठ करते हैं और थोड़ा विश्राम भी करते हैं।

  • गर्म पानी का कुंड: गौरीकुण्ड में स्थित गर्म पानी के कुंड को धार्मिक दृष्टि से पवित्र माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस कुंड में स्नान करने से धार्मिक और औषधीय महत्व होता है।


Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.