जौनसारी जनजाति
- जौनसारी जनजाति राज्य का दूसरा सबसे बड़ा जनजातीय समुदाय है साथ ही गढ़वाल का सबसे बड़ा जनजातीय समुदाय है।
- जौनसारी लोग राज्य के पश्चिमी भाग जौनसार-भावर क्षेत्रों में निवास करते है
- देहरादून जिले के चकराता, कालसी व त्यूनी और लाखामंडल क्षेत्र में रहते हैं
- देहरादून जिले के चकराता, कालसी व त्यूनी तहसील को मिलकर जौनसार-भाबर क्षेत्र कहा जाता है।
- जौनसारी लोग क्षेत्र टिहरी के जौनपुर व उतरकाशी को पराग नेकान क्षेत्र में भी रहते है
- जौनसारी लोग देहरादून के 39 पटियों और 358 गांवो में रहते है
- जौनसारी जनजाति के लोगों की मुख्य भाषा जौनसारी है
- विशेष क्षेत्र के जौनसारी लोग भाबरी व हिमाचली भाषा भी बोलते हैं
- जौनसार में बायथा एक प्रकार की झाड़-फूक की विधि है
- गणाद प्रथा जौनसार में अपने शत्रु परिवार को हानि पहुचाने के लिये प्रयोग करते हैं
- जौनसार में भूत-प्रेत भगाने के लिए जिस व्यक्ति पर देवता आता में है, उसे माली कहते है, यदि जौनसार में किसी व्यक्ति पर तांत्रिक विद्या का प्रयोग किया गया है, तो इसको दूर करने के लिए उल्टाव विधि का प्रयोग किया जाता है।
- जौनसार में ऊँझा विधि का प्रयोग कर किसी व्यक्ति की बीमारी दूर की जा सकती है
जौनसारी सामाजिक व्यवस्था
- जौनसारी लोग अपने आप को पांडवो को वंशज मानते हैं
- जौनसारी लोग मंगोल व डोम प्रजाति का मिश्रण रूप हैं
- जौनसारी लोग तीन वर्गों में बंटे है- खसास, कारीगर, हरिजन खसास वर्ग में ब्राह्ण व राजपूत लोग आते है
- जौनसारियों का समाज पितृसतात्मक होता है
- जौनसारी जनजाति के निम्न वर्ग में कोल्टा लोग आते है
जौनसारी जनजाति की विवाह परम्परा
- जौनसारी लोगों में पहले बहुपति विवाह का प्रचलन था
- वर्तमान समय में जौनसारियों में बाजदिया, बेवाकी और बोईदोदीकी आदि विवाह प्रथा प्रचलित है,
- बाजदिया जौनसारियों का सबसे शान-शौकत वाला विवाह है
- बेबाकी जौनसारियों का साधारण पद्धति वाला विवाह है।
- विवाह के अवसर में जौनसारी लोग पहले गाय को दहेज रूप में देते थे, जौनसारी लोग अविवाहित लड़की को ध्यंति कहते है, और विवाहित लड़की को रयान्ती कहते है
जौनसारी जनजाति की वेश भूषा व भोजन
- जौनसारी जनजाति की महिलाएं घाघरा पहनती है
- जौनसारी लोग ऊन से बने पैजामें को झंगोली कहते है
- जौनसारी लोग ऊन से बने टोपी को डिगुबा कहते है
जौनसारियो के देवता त्योहार व मनोरंजन
- जौनसारी लोगों का मुख्य देवता महासू है।
- जौनसारी लोगों का पवित्र तीर्थस्थल हनोल हैं जौनसार के अन्य तीर्थस्थल लाखामंडल व कालसी आदि है
- जागड़ा महासू देवता का त्योहार है, जो भादों के महीने लगता है जौनसार के लोग बिस्सू त्योहार या वैशाखी मनाते है
- दीपावली के अवसर में जौनसारी लोग भैला नृत्य करते है
- विजयदशमी को जौनसार में पायता कहा जाता है
- पंचाई या दशहरा को यहां पांडवों का त्योहार कहते हैं
- जौनसारी लोग दशहरे को पांचो के रूप में मनाते है
- जौनसारी लोग जन्माष्टमी को अठोई के रूप में मनाते है
- जौनसार में नुणाई त्यौहार भेड़ पालको का त्योहार होता है।
- भिरौली त्योहार जौनसार में संतान कल्याण के लिए मनाया जाता है
- जौनसारी लोग मरोज उत्सव मनाते है, जिसमें बनने वाला मुख्य पकवान गीमा है।
जौनसार के प्रमुख मेले
मौण मेला
- जौनसार में दो तरह के मौण मेले लगते है
- जौनसार के मछमौण व जतरियाड़ मौण मेले प्रसिद्ध है।
- मछमौण किसी छोटी गाड़ में टिमरू के सूखे पाउडर को डाला जाता है, जिससे मछलियां पकड़ी जाती है
- जतरिया मौण में कई खसों या पट्टियों के लोग शक्ति प्रदर्शन के बाद किसी एक जगह इक्कठे होते है।
बिस्सू मेला
- जौनसार क्षेत्र का सबसे बड़ा मेला बिस्सू है, बैशाखी के बाद 4 दिन तक चलता है
- जौनसार में चावल से बने पापड़ को लाडू एवं शाकुली कहते है. जो बिस्सू मेले का मुख्य पकवान है
- बिस्सू मेले का प्रारम्भ चौलीथात से होता है।
- बिस्सू मेले के अवसर पर जंगबाजी नृत्य होता है
- जौनसारियों के लोक नृत्य हारूल नृत्य या परात नृत्य जौनसार में होता है
- जौनसार मे अन्य प्रमुख नृत्य अंडे-कांडे का डांस, पौणई नृत्य, झेला नृत्य, जंगबाजी और मरोज नृत्य आदि है
- पतेंबाजी नृत्य दीपावली के दूसरे दिन पुरूष लोग करते है
- जौनसारी लोगो का लोकनृत्य वारदा नाटी है
- हारूल, मांगल केदारछाया व विरासू जौनसार के प्रमुख लोकगीत है हारूल नृत्य में रमतुला वाद्ययंत्र का प्रयोग होता है
जौनसारी जाति में राजनैतिक व्यवस्था
- जौनसारी जनजाति में खुमरी नामक पंचायत पायी जाती है
- गांव के प्रत्येक परिवार का एक सदस्य खुमरी का सदस्य होता है।
- खुमरी पंचायत के मुखिया को ग्राम सयाणा कहा जाता है
- खुमरी के ऊपर खत- खुमरी होती है, जिसके मुखिया को खत सयाणा कहा जाता है
- खत- खुमरी दो या दो से अधिक गांवों की समिति होती है
जौनसार के प्रमुख व्यक्ति
- जौनसार में राजनीतिक जागरूकता का जनक गुलाब सिह को माना जाता है
- जौनसार के प्रथम कवि पंडित शिवराम है
- भाव सिह चौहान को फादर ऑफ जौनसार भाबर कहा जाता है
- जौनसार के आधुनिक कवि रतन सिंह जौनसारी है
- देविका चौहान व कृपाराम जोशी जौनसार के समाजसेवी है
- जौनसार के संगीत जनक नंदलाल भारती है इन्हे 2017 लोककला रत्न सम्मान मिला
- मनोज सागर एक जौनसारी गायक है
- वीर केसरी चंद - वीर केसरी का जन्म चकराता के क्यावा गांव में हुआ
- जौनसार का वीर केसरी चंद आजाद हिन्द फौज के सिपाही थे
- 3 मई 1945 वीर केसरीचंद को फांसी की सजा हुयी
- 3 मई इनके बलिदान दिवस पर चौलीथात में मेला लगता
- वीर केसरी चंद ने इम्फाल युद्ध में भाग लिया था
- वीर केसरी नामक रचना के लेखक पं शिवराम है
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