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हरीश रावत (जन्म: 27 अप्रैल 1948) के बारे में संपूर्ण जानकारी |Complete information about Harish Rawat (born: 27 April 1948)



व्यक्तिगत विवरण

  • जन्म: 27 अप्रैल 1948, मोहन्नारी गाँव, अल्मोड़ा ज़िला (अब उत्तराखंड) 
  • शैक्षिक योग्यता: बी.ए. तथा एल.एल.बी. – लखनऊ विश्वविद्यालय 
  • पारिवारिक जानकारी: पिता – राजेंद्र सिंह रावत; माता – देवकी देवी; पत्नी – रेणुका रावत; दो संतान (एक बेटा आनंद और बेटी अनुपमा)

राजनीतिक सफर

प्रारंभिक करियर

  • छात्र राजनीति से शुरुआत; युवा कांग्रेस के जिला अध्यक्ष बने 
  • 1980 में पहली बार लोकसभा सांसद चुने (अल्मोड़ा), पुनः 1984 और 1989 में विजयी 

केंद्रीय मंत्री

  • 2009–2012: श्रम व रोजगार मंत्रालय में राज्य मंत्री
  • 2011–2012: कृषि, खाद्य एवं संसदीय कार्य मंत्रालय में राज्य मंत्री
  • 2012–2014: जल संसाधन मंत्री (मोदी से पहले, यूपीए सरकार का हिस्सा) 

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री

  • फरवरी 2014 में पहली बार मुख्यमंत्री; कार्यकाल में बेहतरीन प्रबंधन (केदारनाथ आपदा आदि)
  • 2016 में दो बार राष्ट्रपति शासन लगा, तीसरी बार मई 2016 से मार्च 2017 तक मुख्यमंत्री 
  • 2017 फलकास चुनाव में हार गए, दोनों सीटों पर पराजय 

चुनौती और विवाद

  • 2016 में कथित “घोड़े के सौदे” (horse-trading) मामले में फ़िल्मबंदी हुई, CBI द्वारा एफआईआर दर्ज की गई 
  • 2023 में गाड़ी दुर्घटना में हल्के घायल हुए

राजनीतिक स्थिति (वर्तमान)

  • समाजवादी नेता, कांग्रेस के वरिष्ठ सदस्य, जो पार्टी की रीढ़ मानें जाते हैं
  • 2024 में वे ‘इंडिया ब्लॉक’ को लेकर सक्रिय रहे और लोकसभा चुनाव में हार का सामना किया
  • 2025 में पंचायत चुनाव व 2027 विधानसभा की रणनीति में प्रमुख भूमिका (राष्ट्रीय कांग्रेस नेतृत्व के साथ हालिया बैठक में वरिष्ठ सदस्य)

विशेषताएँ

  • grassroots से करियर की शुरुआत करके केंद्रीय स्तर तक पहुँचे
  • केदारनाथ संकट के समय मुख्यमंत्री की भूमिका में प्रशंसा
  • बेहद सक्रिय वक्ता, खासकर कुमाऊं व गढ़वाल क्षेत्रों में प्रभावशाली
  • विवादों और राजनीतिक उतार-चढ़ाव का सामना करने के बावजूद अपनी स्थिति बनाए रखा

सारांश तालिका

क्षेत्र विवरण
जन्म व शिक्षा अल्मोड़ा, 1948; बीए, एलएलबी – लखनऊ
राजकारण की शुरुआत युवा कांग्रेस – ब्लॉक स्तर से युवा नेतृत्व
सांसदीय करियर लोकसभा (1980–91, 2009–14); राज्यसभा (2002–08)
केंद्रीय मंत्रालय श्रम, कृषि, जल संसाधन
मुख्यमंत्री उत्तराखंड (2014–17, तीन कार्यकाल)
विवाद सीबीआई द्वारा घोटाले के आरोप
वर्तमान भूमिका कांग्रेस की रणनीतिक प्रमुख



हरीश रावत का राजनीतिक विश्लेषण


जड़ से जुड़ा नेतृत्व (Grassroots Leader)

  • हरीश रावत ने राजनीति की शुरुआत ब्लॉक स्तर की युवा कांग्रेस से की थी।
  • उन्होंने धीरे-धीरे लोकसभा सांसद, फिर राज्यसभा सदस्य, और अंततः मुख्यमंत्री बनने तक का सफर तय किया।
  •  यह दर्शाता है कि वे जमीनी राजनीति में विश्वास रखते हैं और आम जनता के बीच लोकप्रिय हैं।

उत्तराखंड की राजनीति में केंद्रीय भूमिका

  • उत्तराखंड के गठन के बाद कांग्रेस में ऐसा कोई नेता नहीं था जो पूरे प्रदेश में समान रूप से स्वीकार्य हो।
  • हरीश रावत ने कुमाऊं और गढ़वाल—दोनों क्षेत्रों में अपनी मजबूत पकड़ बनाई। उन्होंने कई बार कांग्रेस को संकट से बाहर निकाला।

प्रशासनिक कुशलता का प्रदर्शन

  • केदारनाथ आपदा (2013) के दौरान, उन्होंने बतौर केंद्रीय जल संसाधन मंत्री और फिर मुख्यमंत्री के रूप में प्रभावशाली राहत कार्यों का संचालन किया। इससे उनकी प्रशासनिक क्षमता और आपदा प्रबंधन की दक्षता उजागर हुई।


राजनीतिक संघर्ष और चुनौतियाँ

  • 2016 में राजनीतिक अस्थिरता, विधायकों का विद्रोह, और राष्ट्रपति शासन के बावजूद वे दोबारा सत्ता में लौटे।
  • "स्टिंग ऑपरेशन" और सीबीआई जांच से उनकी छवि को धक्का लगा, लेकिन कानूनी रूप से कोई सज़ा नहीं हुई। यह उनके जीवन की सबसे कठिन राजनीतिक चुनौती रही।

हार और आलोचना

  • 2017 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने दो सीटों से चुनाव लड़ा और दोनों में हार गए।
  • आलोचकों ने कहा कि पार्टी में एकल नेतृत्व पर निर्भरता और स्थानीय नेतृत्व की अनदेखी उन्हें भारी पड़ी। लेकिन हार के बावजूद वे कांग्रेस का प्रमुख चेहरा बने रहे।

रणनीतिक सोच और वरिष्ठता

  • वे कांग्रेस के नीतिगत स्तर के नेता माने जाते हैं।
  • 2022 और 2024 के चुनावों में उन्होंने पार्टी के राष्ट्रीय एजेंडे और गठबंधन रणनीति में योगदान दिया। वे अब एक मार्गदर्शक और रणनीतिकार के रूप में देखे जाते हैं।

निष्कर्ष (Conclusion):

हरीश रावत केवल एक मुख्यमंत्री या सांसद नहीं, बल्कि उत्तराखंड की राजनीति के शिल्पकार हैं।
उनकी छवि एक संघर्षशील, अनुभवी, और नवप्रवर्तनशील नेता की रही है।
हालांकि उन पर विवाद भी रहे हैं, लेकिन उनकी लोकप्रियता और कार्यक्षमता ने उन्हें कांग्रेस का अटूट स्तंभ बनाए रखा।


विशेषताएँ सारांश में:

विशेषता विवरण
जनता से जुड़ाव ✅ मजबूत
प्रशासनिक अनुभव ✅ उत्कृष्ट
विवाद/आरोप ⚠️ कुछ गंभीर लेकिन निष्कर्ष तक नहीं पहुँचे
हार का अनुभव ✅ 2017, 2022 में
नेतृत्व क्षमता ✅ राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर प्रभावी
संगठनात्मक पकड़ ✅ कांग्रेस में भरोसेमंद चेहरा



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