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गढ़वाली मुहावरे|Garhwali idioms|

गढ़वाली मुहावरे|Garhwali idioms|

गढ़वाली मुहावरे 

व्यवहार और स्वभाव

आंख में धूल झोंकणु – धोखा देना।
कान में तेल पाई बैठनु – अनसुना करना।
छाती में हाथ मारनु – दुख जताना।
घुट्टी में घुघुति – बचपन से आदत होना।
माथे में बांधणु – बात को पक्का याद रखना।
पेट में आग लागणु – ईर्ष्या होना।
दिल में पाणी भरनु – ललचाना।
गाड़ पाणी बणणु – विवाद बढ़ाना।
पंखा बणणु – बेकार घूमना।
आंख में चमक आणु – उत्साहित होना।

मेहनत और आलस

हाथ में खुरपी पकडणु – खेती-काम में जुटना।
कंधे में भार पाई चलनु – जिम्मेदारी लेना।
घाम में पसीना बगाणु – मेहनत करना।
पाँव में बूट पाई घूमनु – इधर-उधर का काम करना।
खाट में पसरणु – आलसी होना।

रिश्ते और भावनाएँ

दिल में ठंड पाणु – सुकून पाना।
मुँह में लड्डू फुटणु – खुशखबरी मिलना।
गले में हाथ पाई चलनु – मित्रता निभाना।
माथे में बल पाणु – चिंता होना।
आंख में आँसू आणु – दुख या खुशी में रोना।

समझदारी और बेवकूफी

अक्ल का दीपक बालणु – समझदारी दिखाना।
बिन दिमाग का बाण मारनु – बिना सोच-विचार के काम करना।
खाली मटके में आवाज ज्यादा – कम ज्ञान वाले का ज्यादा बोलना।
गधे को घी पिलानु – अयोग्य को कीमती चीज देना।
पांख बिन उड़ान भरनु – असंभव कोशिश करना।

कठिनाई और संघर्ष

पथर में खेती करनु – कठिन काम करना।
धार में पानी रोकणु – असंभव कार्य करना।
घाम में बर्फ बचाणु – मुश्किल से चीज़ को संभालना।
बिन औजार लकड़ी काटणु – साधन बिना काम करना।
गाड़ पार करनु – बड़ी बाधा पार करना।

खाने-पीने से जुड़े

थालि में लूण वाणु – खाना परोसना।
भेली में मिठास भरनु – मीठा व्यवहार करना।
घुघुति का स्वाद लुटणु – खुशी लेना।
गाड़ का पानी पीणु – पहाड़ी जीवन का अनुभव लेना।
धान का भात खाणु – मेहनत का फल खाना।

पुराने और दुर्लभ मुहावरे

भेली में मिठास, मन में प्यास – बाहर मीठा, अंदर लालच।
गाड़ में माछी मारणु – बेकार काम करना।
चूल्हा ठंडो करनु – काम बंद करना।
खेत में खुख – खाली जगह पर कब्जा करना।
थालि में मांड वाणु – थोड़ा-थोड़ा देना

रोज़मर्रा के पुराने मुहावरे

खेत में खुख उगणु – बेकार जगह पर कब्जा होना।
गाड़ में माछी मारणु – निरर्थक काम करना।
भेली में मिठास, मन में प्यास – बाहर से मीठा, अंदर से लालची।
थालि में मांड वाणु – थोड़ा-थोड़ा देना।
चूल्हा ठंडो करनु – काम बंद कर देना।
घाम में भुट्टा सेंकणु – मौके का फायदा उठाना।
पिंड में लठ मारणु – आलस्य छोड़ना।
गाड़ का पाणी हलणु – बेवजह चीज़ को छेड़ना।
खोली में बघ्वार बणणु – छोटी जगह में बड़ा काम करना।
ढूंग में बीज बोणु – नामुमकिन जगह पर कोशिश करना।

रिश्तों और चालाकी से जुड़े

भाई में बाघ, पराई में बिल्ली – अपनों से कठोर, बाहर से नरम।
थालि में घाव पाई बैठणु – आराम से बैठे-बैठे समस्या ढूँढना।
कंधे में चाकू पाई चलनु – चालाकी से किसी को नुकसान देना।
घर में बिल्ली, बाहर बाघ – घर में डरपोक, बाहर दबंग।
मुँह में लूण, पीठ में तीर – सामने मीठा, पीछे से वार।
गाड़ का पाणी पिलानु – किसी को अपनी तरफ़ करना।
भेली में लसण की गंध – ऊपर से मीठा, अंदर से तीखा।
दूध में नींबू डालणु – अच्छे माहौल को बिगाड़ना।
बाख बिन सींग का – दिखावा करना।
भूख में कणिक, प्यास में गाड़ – ज़रूरत के समय छोटी चीज़ भी बड़ी लगना।

मेहनत और संघर्ष

अगास में घास खोजणु – नामुमकिन कोशिश करना।
गाड़ में बाख ढूंढणु – गलत जगह प्रयास करना।
थालि में बिसाणु – आसान काम लेना।
घाम में बर्फ पगालणु – मेहनत से नामुमकिन को मुमकिन करना।
गाड़ पार करनु – कठिनाई पार करना।
पथर में खेती करनु – बहुत कठिन काम करना।
ढाल में खेत जोतनु – मुश्किल में मेहनत करना।
बिन औजार लकड़ी काटणु – साधन बिना प्रयास करना।
थुल में पौण बणणु – बड़ी समस्या में छोटी कोशिश करना।
गाड़ में खेत सिंचणु – बेकार मेहनत करना।

दुर्लभ गढ़वाली मुहावरे 

चतुराई और बेवकूफी

बिन पांख उड़ान भरनु – असंभव काम करना।
गधे के सिर पर सिंघ देखणु – न होने वाली चीज़ ढूँढना।
खाली मटके में आवाज ज्यादा – कम ज्ञान वालों का ज़्यादा बोलना।
थुल में बाख खोजणु – गलत जगह मेहनत करना।
गाड़ में धान बोणु – मूर्खता भरा काम करना।
भेली में मिर्च भरनु – मीठे में कड़वाहट डालना।
काठ का घोड़ा दौड़ाणु – नामुमकिन काम करना।
ढाल में बाख पाली बैठणु – गलत जगह भरोसा करना।
गाड़ में बाघ खोजणु – बेकार डरना।
बिन अंख का चिट्ठी लिखणु – बिना योग्यता का काम करना।

भावनाएँ और स्वभाव

दिल में गाड़ बणणु – मन में बोझ होना।
आंख में आग लागणु – गुस्सा आना।
छाती में घाव पाणु – मन में पीड़ा रखना।
कान में धुआँ भरनु – किसी बात को न सुनना।
पेट में गाड़ पाणु – रहस्य रखना।
मुँह में आग उगलणु – कड़वे बोल बोलना।
आंख में पाणी आणु – भावुक होना।
दिल में ठंड बणणु – सुकून पाना।
पेट में पाणी भरनु – ललचाना।
छाती में आग सुलगाणु – अंदर से क्रोधित रहना।

गाँव और खेती-किसानी से जुड़े

खेत में कख उगणु – अनचाहा काम होना।
बाख में घास पाणु – अपने में खराबी आना।
थालि में बीज वाणु – शुरुआत करना।
गाड़ का पानी बहाणु – मेहनत बेकार जाना।
धान का पौवा लगाणु – मेहनत का बीज बोना।
बाख में बाघ छिपाणु – खतरा छुपाना।
खेत में पाणी बणणु – मदद पहुंचना।
पथर में बीज जमाणु – कठिन हाल में सफलता पाना।
गाड़ में थालि बहाणु – अपनी चीज़ गंवाना।
खेत में गाड़ गाड़णु – अपने काम में बाधा डालना।

रोज़मर्रा की ज़िंदगी और मज़ाकिया

थुल में पाणी खोजणु – बेकार मेहनत करना।
घाम में बाख नाचाणु – दूसरों को दिखावा करना।
खोली में थुल भरनु – छोटी जगह में बड़ी चीज़ डालना।
गाड़ में थुल डुबाणु – बड़ी चीज़ को बेकार करना।
थालि में गाड़ वाणु – आराम में काम बिगाड़ना।
भेली में पथर भरनु – अच्छी चीज़ में खराब चीज़ मिलाना।
खेत में गाड़ का पाणी भरनु – अपने काम में परेशानी लाना।
ढाल में गाड़ बणणु – मुसीबत में पड़ना।
पथर में गाड़ खोजणु – नामुमकिन काम करना।
भेली में पाणी भरनु – खुशी में भी दुःख लाना।

अंतिम दुर्लभ मुहावरे

गाड़ में घाम सेंकणु – गलत समय पर आराम करना।
थुल में धान छिपाणु – बड़ी चीज़ को अनदेखा करना।
भेली में गाड़ भरनु – मीठे में कड़वाहट डालना।
पथर में लूण पिसणु – मेहनत खराब करना।
गाड़ में आग लगाणु – अनर्थ करना।
खेत में बाघ नाचाणु – अपने काम में खतरा बुलाना।
भेली में आग भरनु – मिठास में गुस्सा डालना।
गाड़ में थुल खोजणु – गलत जगह तलाश करना।
खेत में गाड़ बहाणु – काम बिगाड़ना।
थालि में आग वाणु – माहौल बिगाड़ना।
गाड़ में खेत खोजणु – नामुमकिन कोशिश करना।
भेली में धुआँ भरनु – भ्रम फैलाना।
खेत में पथर बोणु – नुकसान करना।
गाड़ में खेत जोतनु – बेकार मेहनत करना।
थालि में गाड़ खोजणु – अजीब जगह पर तलाशना।
भेली में लूण भरनु – मिठास बिगाड़ना।
गाड़ में पथर फेंकणु – मुसीबत मोल लेना।
खेत में गाड़ पाई बैठणु – आलसी होकर काम में अड़ना।
थालि में पथर वाणु – आराम में परेशानी डालना।
भेली में गाड़ पाणु – अच्छे में बुरा मिलाना।
गाड़ में गाड़ खोजणु – बेकार में खोजबीन करना।
खेत में धुआँ भरनु – माहौल बिगाड़ना।
थालि में थुल वाणु – छोटी जगह में बड़ा रखना।
भेली में बाख भरनु – अच्छे में बुरा मिलाना।
गाड़ में थालि वाणु – गलत जगह पर चीज़ डालना।
खेत में गाड़ ढूंढणु – गलत दिशा में काम करना।
थालि में आग भरनु – माहौल खराब करना।
भेली में धान भरनु – मिठास में अच्छाई डालना।
गाड़ में लूण पिसणु – मेहनत व्यर्थ करना।
खेत में गाड़ पगालणु – अपने काम को खुद बिगाड़ना।