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गोमुख |origin of the Ganges

 


गोमुख (उत्तरकाशी)
गंगोत्री से गोमुख की दूरी 28 किमी है. यही गोमुख से भागा पृथ्वी पर नीचे की ओर वड़े वेग से निकलती है, यह विशुद्ध हिम जल है, जो रिस रिस कर एकत्र होता है और गोमुख में प्रकट होता है. गोमुख से 2-3 किमी की दूरी पर नन्दनकानन की फूलों की भव्य घाटी है,

  • गोमुख गंगोत्री हिमनद का अंतिम छोर है, जो भारत के उत्तराखंड राज्य के उत्तरकाशी जिले में स्थित है। यह गंगा नदी का उद्गम स्थल है, जिसे हिंदुओं के लिए एक पवित्र नदी माना जाता है। गोमुख 4,023 मीटर (13,200 फीट) की ऊंचाई पर स्थित है और हिंदुओं के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थस्थल है।
  • गोमुख का नाम "गाय के मुख" के लिए हिंदी शब्द है। ऐसा इसलिए है क्योंकि हिमनद गाय के मुख के आकार का है। गोमुख गंगोत्री ग्लेशियर से निकलने वाली भागीरथी नदी का स्रोत है। भागीरथी नदी आगे जाकर अलकनंदा नदी से मिलकर गंगा नदी का निर्माण करती है।
  • गोमुख एक लोकप्रिय तीर्थस्थल है और हर साल लाखों तीर्थयात्री यहां आते हैं। तीर्थयात्री आमतौर पर गंगोत्री से गोमुख तक पैदल यात्रा करते हैं, जो लगभग 19 किलोमीटर (12 मील) की दूरी है। गोमुख में, तीर्थयात्री भागीरथी नदी में स्नान करते हैं और गंगा नदी के उद्गम स्थल के दर्शन करते हैं।
  • गोमुख एक प्राकृतिक रूप से सुंदर स्थान है और हिमालय के शानदार दृश्य प्रस्तुत करता है। यह ट्रेकिंग और पर्वतारोहण के लिए भी एक लोकप्रिय स्थान है।
  • गोमुख जाने का सबसे अच्छा समय अप्रैल से जून और सितंबर से नवंबर के बीच है। इस समय मौसम सुखद होता है और पर्यटन के लिए अनुकूल होता है।
  • गोमुख जाने के लिए, आपको पहले ऋषिकेश या देहरादून जाना होगा। ऋषिकेश और देहरादून से, आप गंगोत्री के लिए बस या टैक्सी ले सकते हैं। गंगोत्री से, आपको गोमुख तक पैदल यात्रा करनी होगी।

गोमुख के बारे में कुछ रोचक तथ्य:

  • यह गंगा नदी का उद्गम स्थल है।
  • यह 4,023 मीटर (13,200 फीट) की ऊंचाई पर स्थित है।
  • यह हिंदुओं के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थस्थल है।
  • यह ट्रेकिंग और पर्वतारोहण के लिए एक लोकप्रिय स्थान है।
  • यह हिमालय के शानदार दृश्य प्रस्तुत करता है।

 

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