कुमाऊँनी मुहावरे | Kumaoni Idioms
कुमाऊँनी मुहावरे और उनके अर्थ
छक गेलो
मतलब: बहुत थक गया
उदाहरण: आज तो मैं छक गेलो, खेत में बहुत काम कर डारो।
जागरी ले आयो
मतलब: बिल्कुल सच्ची बात बोली
उदाहरण: तू तो जागरी ले आयो, सब सच्चाई बता दी।
थल-मथ कर डारो
मतलब: पूरा उल्टा-पुल्टा कर दिया
उदाहरण: तू रसोई में थल-मथ कर डारो, कुछ समझ नहीं आ रओ।
ठुल हो गेलो
मतलब: बहुत घमंडी हो गया
उदाहरण: अब तो वो ठुल हो गेलो, किसी को पूछतो भी नहीं।
भौ में पड़ गयो
मतलब: हैरान हो गया / कन्फ्यूज़ हो गया
उदाहरण: वो बात सुनके तो मैं भौ में पड़ गयो।
बोली में शहद घोलनो
मतलब: बहुत मीठा बोलना
उदाहरण: वो तो बोली में शहद घोले, सबका दिल जीत ले।
ढूंग ज्यूँ कठोर
मतलब: बहुत कठोर इंसान (पत्थर जैसा)
उदाहरण: वो आदमी तो ढूंग ज्यूँ कठोर छै, किसी की परवाह नी करै।
नक्खी हो गेलो
मतलब: बहुत खुश हो गया / फूल गया
उदाहरण: तेरी तारीफ सुनके तो वो नक्खी हो गेलो।
लाटी भै गयो
मतलब: बहुत डर गया / गूंगा सा हो गया
उदाहरण: सांप देखके तो वो लाटी भै गयो।
जै छै उै छै
मतलब: जैसा है वैसा ही ठीक है
उदाहरण: इस घर का हाल जै छै उै छै, चलने दो।
यह रहे
कुमाऊँनी के कुछ प्रसिद्ध मुहावरे (Kumaoni Muhavare) — इनके अर्थ भी साथ में दिए गए हैं। नीचे दिए गए
मुहावरे रोज़मर्रा की भाषा में प्रचलित हैं:
कुमाऊँनी मुहावरे और उनके अर्थ:
नकुली नि देखण – बहुत
गौर से देखना
आग मा घी डालन – झगड़े
या विवाद को और बढ़ाना
धुर खाली ल्यै – बिल्कुल
बेकार व्यक्ति
कण ठुल ह्वे गे? – तू क्या बड़ा बन गया? (व्यंग्यात्मक)
मुँह खोलौं त राई लै कूँ टौंक – कुछ बोले तो बात को बहुत बड़ा बना देना
भांग खायो कि रोट – होश खो बैठना / बेसुध हो जाना
न नाय, न काम, ऊंची बात – खुद कुछ न कर पाना, लेकिन
बड़ी-बड़ी बातें करना
बिल्ली स्यूं दूध बचाण – नामुमकिन काम करना
घड़ मा पाणी नि छौ, और समुंदर देखणी बात करन – खुद के पास कुछ नहीं, और
ऊँचे सपने
ढोल बजै नि, काठी
बाजण – गलत
आदमी का नाम उजागर होना
धतूरे क फल लै अमृत समझन – बुरे को अच्छा मान बैठना
गुड खाण नि आछा, उपदेश देण बड़ ठुल – खुद कुछ ना कर, दूसरों
को नसीहत देना
घाम नि लागै, और
स्यूं रैता नि देखै – असली
खतरे को न पहचान पाना
थाली मा छेद करन – जिस पर
निर्भर हो, उसी का नुकसान करना
हाड़ गलै नि, मेहनत
बिसरै – मेहनत
का कोई फल ना मिलना
मूड़ी उठाई, दुनिया
देखी – जैसे
ही कोई बाहर निकला, लोगों की बातें सुननी पड़ी
बिराल की पाँछि राखण – बिल्ली को दूध की रखवाली देना (अविश्वसनीय व्यक्ति को ज़िम्मेदारी
देना)
हाथ मा बांस, और मन
मा रोट – सोच
कुछ और करना, काम कुछ और
खुक मा छुरी, और
बोली मा मीठास – अंदर
से धोखा देने वाला, ऊपर से मीठा बोल
भूत लागण जै सी बात करन – बेतुकी और डरावनी बातें करना
यह रहे
कुछ और कुमाऊँनी
मुहावरे (Kumaoni Muhavare) – सरल भाषा में अर्थ सहित:
"खांटी खाड़ो चेल"
मतलब: बहुत ही चालाक या तेज व्यक्ति
(जैसे – "वो तो खांटी खाड़ो चेल
छै, सबके समझ लियो।")
"नाक में दम ल्यै दियो"
मतलब: बहुत परेशान कर दिया
("बच्चों नै नाक में दम ल्यै
दियो।")
"गधो छूं, हाड़
छुड़ो"
मतलब: बेकार की मेहनत करना
("गधो छूं, हाड़ छुड़ो, पर कमाई को नाम न।")
"हाड़-पसली एक कर दिन"
मतलब: बहुत पीटा या बहुत मेहनत ली
("बूढ़ो हाड़ पसली एक कर दिन।")
"थुक्के लागी पाणी"
मतलब: बहुत अपमानित होना
("थारे करम में थुक्के लागी पाणी
छै।")
"ककड़ खाय गो ब्वार"
मतलब: बिना बात दोष देना
("मैं की करल, ककड़ खाय गो ब्वार।")
"भौं ताणि दिन"
मतलब: गुस्से में आंखें तरेरना
("बोलते बोलते भौं ताणि दिन।")
"गोड़ में लत्ता नई, आकाश छूण को मन"
मतलब: हकीकत से परे सपने देखना
("गोड़ में लत्ता नई, आकाश छूण को मन।")
"थाली में छेद"
मतलब: जिससे खाया उसी के खिलाफ जाना
("जिसके घर में रहा, उसी की थाली में छेद कर दी।")
"कांड़ी में भूत सम"
मतलब: बहुत जिद्दी या ढीठ
("कांड़ी में भूत सम है वो।")
यह रहे
और कुमाऊँनी मुहावरे (Kumaoni
Muhavare) – अर्थ
सहित, उसी शैली में:
"बम-धड़ाक कै बात"
मतलब: बहुत बढ़ा-चढ़ाकर कहना
("कां बात नि, बम-धड़ाक कै बात करली।")
"धुरग्ये में घी पड़नु"
मतलब: बिलकुल सही समय पर अच्छा होना
("ठीक टैम में पैसां मिल ग्या, धुरग्ये में घी पड़िगो।")
"गाड़ गाड़ कै खाण"
मतलब: बहुत ज़्यादा खाना
("छोरो तो गाड़ गाड़ कै खाण
लगो।")
"सिर में सींग लगग्या छ"
मतलब: अहंकार आ जाना
("थोड़ी पढ़ाई कै के सिर में सींग
लगग्या छ।")
"ज्यूँ छे, त्योँ
नी"
मतलब: कहने को कुछ और, असल में कुछ और होना
("ज्यूँ छे, त्योँ नी – कुछ तो छिपा छ।")
"मुंह में दूध, दिल
में बारूद"
मतलब: भोला दिखकर अंदर से चालाक होना
("कसम से, मुंह में दूध, दिल में बारूद।")
"भैस के आगे बीन बजाण"
मतलब: किसी बेकार व्यक्ति से उम्मीद करना
("उससे समझाना तो भैस के आगे बीन बजाण
जैस हो।")
"कान में तेल डार के सूत"
मतलब: सब कुछ अनसुना करके सो जाना
("तू तो कान में तेल डार के सूत
ज।")
"ऊँट के मुँह में जीरा"
मतलब: बहुत ही कम होना ज़रूरत से
("एतरो पैसों से कां काम चलो – ऊँट के
मुँह में जीरा।")
"ढोल की पोल खुली"
मतलब: असली सच्चाई सबके सामने आ जाना
("अब त ढोल की पोल खुली।")
यह रहे
कुछ और कुमाऊँनी मुहावरे (Kumaoni Muhavare) — सरल भाषा में और एक साथ:
कुमाऊँनी मुहावरे और उनके अर्थ:
"ठुल गथां लै ल्याल" – बहुत घमंड में आना
"हुणि लगुन" – बहुत
जल्दी करना
"दणकै दिन खै गै" – बिल्कुल चुप हो जाना
"आख मँ धुँध लाग ग्य" – सच्चाई समझ में न आना
"हड्डी बड्डी खप गइ" – बहुत मेहनत करना
"बिणा बिचार बथौंण" – बिना सोचे समझे बोलना
"कपार खाण" – सिर
दर्द देना
"गिंणी गिंणी खाण" – बहुत सावधानी से खर्च करना
"ठेहुन मा ढै पड़ण" – विनती करना
"बटुवा झनकण" – पैसे की अहमियत दिखाना
और कुछ उदाहरण:
"घाम ठाढ़ हे चाम चूठि गा" – समय बीत गया, अब कोई फायदा नहीं
"भैस कू गीत गाण" – अनपात्र को उपदेश देना
"गुड़ खाण औ गल सुनाण" – अच्छा करना और उसकी तारीफ सुनना
"पकड़-पकड़ क ठान ल्याण" – हर चीज को संजोकर रखना
"बिन पुछ्या बज्यू बजा" – बिना बुलाए टपक पड़ना
यह रहे
कुछ और कुमाऊँनी
मुहावरे (Kumaoni Muhavare) और उनके सरल अर्थ:
कुमाऊँनी मुहावरे और अर्थ:
"ढुंग खनै की बात छ" – बहुत कठिन काम है
"मुँह सौं ह्वे लग गा" – सामने से टकरा गया
"छात मँ साँप लोटण" – बहुत ज्यादा गुस्सा आना
"घाम म पसीन्या खाण" – बहुत मेहनत करना
"काण सुणण" – बात को
ध्यान से सुनना
"सिर प चढ़ण" – बहुत ज्यादा हावी हो जाना
"जौं लग फस गा" – मुसीबत में फँस जाना
"नक छुड़िक बण" – बहुत शर्मिंदा होना
"बण म भूत डेरण" – बेवजह डरना
"गाढू सौं बात करन" – बेवकूफ से बहस करना
और मुहावरे:
"उल्टी गंगा बहाण" – सामान्य नियम के विरुद्ध काम करना
"तडाग म पत्तर फैंकण" – किसी शांत माहौल को खराब करना
"आठ हात ऊँच उडण" – घमंड में उड़ना
"मन में बिचार ल्याण" – सोच-विचार करना
"नाक कट गइ" – इज्जत
चली गई
यह रहे
अगले कुमाऊँनी मुहावरे और उनके अर्थ:
कुमाऊँनी मुहावरे और अर्थ:
"लुल पकड़ण" – बहुत
ज्यादा परेशान हो जाना
"ध्यान बटोरन" – सबका ध्यान अपनी ओर खींचना
"खाल खिचण" – बहुत
बुरा बर्ताव करना
"हाथ पकडन" – मदद
करना
"भूत पछाड़न" – पुरानी गलती का दंड भुगतना
"आँख मारन" – इशारा
करना
"मन ठंडो पड़ गयो" – राहत मिलना
"छूछ बात करन" – बिना मतलब की बात करना
"सूंई चुभाण" – ताना मारना
"धमकी देण" – डराना
और मुहावरे:
"पिथ्थू बणण" – किसी के पीछे-पीछे चलना
"गोल घुमाण" – बात को
घुमा-फिराकर कहना
"भांग खा ल्याण" – बेहोशी में होना या बहुत आलसी हो जाना
"आँगन म लड़ी पड़ण" – घर में कलह होना
"मन म झंझट होण" – दिमागी तनाव होना
यह रहे
अगले कुमाऊँनी मुहावरे और उनके अर्थ:
कुमाऊँनी मुहावरे और उनके अर्थ:
"छाती फाड़ण" – बहुत दुःखी या क्रोधित होना
"कां खाण" – धोखा
देना
"लट्ठ पड़ण" – लड़ाई
हो जाना
"नाक कटण" – अपमान
होना
"कानू में तेल ढारि दिण" – बात को अनसुना कर देना
"घाम में राखण" – जानबूझ कर कष्ट देना
"गाड़ फाटि जां" – बहुत ज़्यादा परेशानी में फँसना
"भूसि में आग लगि गी" – छोटी बात से बड़ा झगड़ा हो जाना
"पाटा में लुढ़क जां" – पूरी तरह हार जाना
"धोतियार खा जां" – सब कुछ नष्ट कर देना
यह रहे
अगले कुमाऊँनी मुहावरे और उनके अर्थ:
कुमाऊँनी मुहावरे और उनके अर्थ:
"छाती में ढूसी लगि गै" – बहुत बड़ा दुःख होना
"कांठी मैं बटेर बैठण" – भाग्य से अच्छा अवसर मिलना
"ढोल बजणु और मूंड हिलाणु" – बिना समझे हर बात में हाँ में हाँ मिलाना
"भीति मैं सील पड़ण" – पुरानी बात का असर बना रहना
"गागरी में समंदर भरि दिण" – कम शब्दों में बहुत कुछ कह देना
"भूत पकड़ि ल्यो हो" – कोई आदत या ग़लत बात पकड़ लेना
"भ्यांसी गै ककड़ी" – पूरी तरह बेकार हो जाना
"भोजन मैं बाल पड़ण" – किसी अच्छे कार्य में बाधा आना
"लौंडा में धण पड़ी गै" – युवक को गर्व या घमंड आ जाना
"बिन पेंदे का लोटा" – अस्थिर विचार वाला व्यक्ति
यह रहे
अगले कुमाऊँनी मुहावरे और उनके अर्थ:
कुमाऊँनी मुहावरे और उनके अर्थ:
"अंगूठा देखाणु" – साफ़ मना कर देना
"हाथ में छुड़ा पड़ण" – किसी काम को करने में झिझक होना
"बिण बाजा बारात" – बिना योजना या सूचना के काम करना
"घर की मुर्गी दाल बराबर" – अपने घर की चीज़ की कद्र न करना
"पाणि में तेल सम" – बहुत नज़दीकी या मेल होना
"गधा सम चुप रहण" – मूर्ख की तरह चुप रहना
"बाघ की खाल ओढ़ण" – झूठी शान दिखाना
"आँख में धूल झोकण" – धोखा देना
"पीठ में छुरा घोंपण" – विश्वासघात करना
"कुकुर की ज्यूं भुक भुक करण" – बिना मतलब बोले जाना
यह रहे
अगले कुमाऊँनी मुहावरे और उनके अर्थ:
कुमाऊँनी मुहावरे और उनके अर्थ (क्रम संख्या 76 से):
"गुड़ खाण बण्या दीदा में ककड़ी" – अच्छा काम करने से पहले दिखावा करना
"दूध पियू लात मारू" – जिस पर उपकार किया, उसी से
नुकसान पाना
"धूर में ढुंगर खोजण" – असंभव कार्य में लग जाना
"आग में घी डालनु" – और अधिक भड़काना
"सिर में सींघ लागण" – घमंड में होना
"मन रै मन में रमग्या" – मन ही मन प्रसन्न होना
"ठाड़ लग्यौं छै बान ज्यूं" – कोई बात सुनकर अचंभित होना
"जाळ में फंसिग्या माछ ज्यूं" – संकट में फँस जाना
"भूत की छाया ज्यूं डर लागण" – बिना बात के डर जाना
"कांठी में ढुंगर न समै" – घमंड में किसी को नीचा दिखाना
यह रहे
आगे के कुमाऊँनी
मुहावरे और
उनके अर्थ:
कुमाऊँनी मुहावरे और उनके अर्थ (क्रम संख्या 86 से):
"भुस में आग लागनु" – झगड़ा या विवाद तेजी से फैल जाना
"भैंस के आगे बीन बजाणु" – नासमझ को समझाना बेकार है
"उल्टो गाड़ घुमाणु" – काम को और बिगाड़ देना
"जौंक ज्यूं चिपकणु" – किसी से ज़रूरत से ज़्यादा चिपक जाना
"हड्डी चुगणु" – बचे-खुचे में गुज़ारा करना
"आस में आस लगाणु" – उम्मीदों पर उम्मीद रखना
"कू हां में हां मिलाणु" – बिना सोच-विचार के सहमत होना
"नूनू में तेल डालनु" – बेकार की चीज़ पर मेहनत करना
"छाया रै डर लागणु" – बिना कारण डर जाना
"मुँह रै बात उड़ाणु" – मन से सोच लेना और बातें फैलाना
यह रहे
आगे के कुमाऊँनी
मुहावरे और
उनके अर्थ:
कुमाऊँनी मुहावरे और उनके अर्थ (क्रम संख्या 96 से):
"घाम देखी टोपी उड़ाणु" – समय देखकर चालाकी दिखाना
"भ्योल में हाथ देणु" – जोखिम भरे काम में पड़ जाना
"कानी आँख से देखणु" – तिरस्कार की दृष्टि से देखना
"भीत में कान होणु" – दीवारों को भी सुनने की बात कहना (चुप रहने की सलाह)
"ढुंग में बीज बोणु" – असंभव कार्य में लग जाना
"दूध रै साथ पानी मिसळणु" – अच्छे के साथ बुरा जोड़ना
"आंगणु झाड़णु" – घर की सफाई करना या घर छोड़ना
"ब्वाण ज्यूं भूंकणु" – बिना कारण बोलते रहना
"काट्याँ में फँसणु" – मुश्किल में फँस जाना
"हाथ में हाथ देणु" – साथ देना या समर्थन करना
यह रहे
आगे के कुमाऊँनी
मुहावरे और
उनके अर्थ:
कुमाऊँनी मुहावरे और उनके अर्थ (क्रम संख्या 106 से):
"नकुली गाड़ में पसरणु" – गलत जगह पर फँस जाना
"छाँया कु डर लागणु" – बिना बात के डरना
"कूँछ में आंगणु" – शर्म से सिमटना
"भूत की बारात देखणु" – अनहोनी घटना का सामना करना
"भाणू उठी गयु" – संकट टल जाना
"सिर में झाड़ू लगाणु" – अत्यधिक शर्मिंदा होना
"मुँह में धूणी राखणु" – कुछ न बोलना, चुप
रहना
"आंख-कान खोलि राखणु" – सतर्क रहना
"गोड़ में पिण्डी लगाणु" – काम करने में चुस्ती दिखाना
"उदकी बात में पाणी भरनु" – बिना सोचे किसी की हाँ में हाँ मिलाना
यह रहे
अगले कुमाऊँनी मुहावरे और उनके अर्थ:
कुमाऊँनी मुहावरे और उनके अर्थ (क्रम संख्या 116 से):
"माथो पीसणु" – बहुत पछताना
"काटू में बळ ल्याणु" – मुश्किल समय में हिम्मत दिखाना
"भुज्यां में आग लगणु" – बहुत गुस्सा आना
"पसरणी में छौंक लगणु" – योजना में अड़चन आना
"पिण्ड चुक गयु" – थक जाना या हार मान लेना
"मुठी में दुनियाँ राखणु" – सब कुछ अपने नियंत्रण में रखना
"कुकुर जैं सूँघणु" – हर बात में दखल देना
"बोली में शहद घोलणु" – मीठा बोलना
"छींटाळ करनु" – किसी की बुराई करना
"गोठ की गाड़ फोड़णु" – बात का खुलासा कर देना
यह रहे
अगले कुमाऊँनी मुहावरे और उनके अर्थ:
कुमाऊँनी मुहावरे और उनके अर्थ (क्रम संख्या 126 से):
"हड्डी हिल जानी" – बहुत थक जाना
"भ्यां बणि जानु" – डर के मारे सन्न हो जाना
"गुँठ्याल में पड़णु" – उलझन में फँस जाना
"आग में घी ढालनु" – झगड़े को और भड़काना
"चाटी में पाणी भर जानु" – शर्म के मारे झुक जाना
"खाली भाँड बजे" – बेकार की बातें करना
"भितर घाव होणु" – अंदर ही अंदर दुखी होना
"पिण्ड छुटणु" – मर जाना
"नशिब फूटणु" – दुर्भाग्य होना
"च्यल-क्यल करनु" – ऊधम मचाना / शोर करना
बिलकुल!
यहाँ एक बार में 50 कुमाऊँनी
मुहावरे दिए जा
रहे हैं, क्रम संख्या 136
से 185 तक, उनके सरल हिंदी अर्थ सहित:
कुमाऊँनी मुहावरे और उनके अर्थ (136–185):
"गाड़ खननु" – बहुत
मेहनत करना
"बाघको मुँह देखणु" – अशुभ काम का आरंभ करना
"सिर पड़णु" – दोषी
ठहराया जाना
"घुर बणि जानु" – चुप हो जाना
"आठो पहर जागणु" – लगातार चिंता में रहना
"किलाट बणि जानु" – जड़ हो जाना, स्तब्ध
होना
"छकाया देणु" – बेवकूफ बना देना
"थुलो ह्वै जाणु" – घमंडी हो जाना
"गोठ पैलाणु" – बात फैलाना
"आग में पड़णु" – बड़ी मुसीबत में फँस जाना
"मुड़ी घुमणु" – ध्यान न देना, टाल
देना
"मन में पैलि गयु" – मन को भा जाना
"भलि परणु" – अच्छा
हो जाना
"पिठ में छुर मारणु" – धोखा देना
"नैणो में बसी जानु" – आँखों का तारा बन जाना
"दमड़ी की हिकमत" – मामूली चीज़ का घमंड
"सांच की बिज" – सच्चाई की ताकत
"पाणी माथि जानु" – सर से ऊपर हो जाना
"नरकको द्वार खोलणु" – बड़ी गलती करना
"बिल्ली सरीकु चाल चलणु" – चुपचाप चालाकी से काम करना
"हाड़ गलायो" – मेहनत से थक जाना
"थाली में छेद करनु" – अपने भले का नुकसान करना
"मनै लगणु" – अच्छा
लगना
"मुँह पै थुकणु" – शर्मिंदा होना
"धौकां ह्वै जाणु" – धोखा मिलना
"गजब कर डालनु" – कमाल कर देना (अच्छा या बुरा)
"लोग बखाण करन" – लोगों द्वारा प्रशंसा मिलना
"फुल बणि जानु" – अत्यधिक प्रसन्न हो जाना
"ठुल-ठुल डग भरनु" – अकड़ कर चलना
"बोलो में तेल होणु" – मीठा बोलना
"बच्यां जत्रु बनणु" – बच्चों के लिए दुश्मन बन जाना
"माटी में मिलाणु" – पूरी तरह बर्बाद कर देना
"काख में छुरी मुँह में राम राम" – दो-मुँही बात करना
"कसि गै चिट्ठी पैलि गे" – बात खुल जाना
"घाम में बैठणु" – आराम करना
"छाती ठोकणु" – बढ़-चढ़ कर दावा करना
"लाल पीळी देखणु" – बहुत गुस्सा आना
"फेरे में पड़णु" – चक्कर में फँस जाना
"मन डोलणु" – भ्रमित
हो जाना
"बोली मीठो पर काम कठोर" – मीठा बोलना पर व्यवहार कठोर
"सिणों में बोल पड़णु" – अचानक बोल पड़ना
"चटक जुकनु" – सीधा
जवाब देना
"टुक पड़णु" – गिर
पड़ना / बिखर जाना
"फूंका मारणु" – ढकोसला करना
"पिण्ड पीसणु" – अत्यधिक मेहनत करना
"ध्यान हटि गयु" – ध्यान भटक जाना
"उल्टो सीधो सुणाणु" – उल्टा-सीधा सुनाना
"सिक्को खोटो होणु" – चरित्र पर सवाल उठना
"ज्यूँ का त्यूँ" – बिना बदले जैसा का तैसा
"आछे-काछे में डारि दिनु" – अच्छे-बुरे में डाल देना, संकट में डालना
यहाँ 50 और कुमाऊँनी मुहावरे दिए जा रहे हैं:
नथुल पड़ि गै – बहुत
पछताना
बकरा को ठुल बांग – दिखावा करना
सांप खायो बूट्टी लुकायो – चुपचाप फायदा उठा लेना
नाक काटि दिन – अपमानित
करना
मुण्ड गुमायो – बहुत
घबरा जाना
ढोल पीटण – सबके
सामने बात का प्रचार करना
पैसे कि माया छाया – पैसे से सबकुछ होता है
ठूंठ में फूल लागन – असंभव होना
पाणि में आग लगण – बड़ा
संकट आ जाना
हाथ छुड़ायो बाघ में – एक समस्या से निकलकर बड़ी में पड़ना
थाल बजै, घर
उजड़ै – दिखावा
ज्यादा, घर की हालत खराब
चिकनाय कै भूत – गुप्त
चाल चलना
काठ के उल्लू – बुद्धू
व्यक्ति
मुँह फुलाय बैठन – नाराज
होकर बैठ जाना
ज्यूं चोर को दिल धड़कै – गलती करने वाला डरा रहता है
घ्यूँ में बाल ना फँसण – बहुत नाजुक या कमजोर होना
गंगाजल पियो अर गलती करो – पवित्र बनकर पाप करना
आग में घी डालन – झगड़े
को और बढ़ाना
आक को फूल – दिखने
में सुंदर पर उपयोग में नहीं
भूत भगाण को झाड़ – बेकार की कोशिश
भूखा नाचण लाग – मजबूरी
में अभिनय करना
भैंस के आगे बीन बजाण – व्यर्थ में समझाना
आग लगण से पहिले धूंआ उठण – कोई संकेत पहले मिलना
पानि में रहिके मगर से बैर – अपनी स्थिति को न समझना
न खायें, न
बचायें – ना खुद
इस्तेमाल करें, ना दूसरों को करने दें
धोती में भांग पड़ि गै – छोटी बात से बड़ी बदनामी
माथो फोड़ि लीन – खुद को
मुश्किल में डालना
ढोल की पोल खोलि दिन – सच्चाई सामने लाना
बगुला भगत – बाहर
से साधु, अंदर से चालाक
बिल्ली के गले में घंटी – जोखिम भरा काम करने वाला कोई नहीं
हरियो घास देखि घोड़ा भुलिगो – तुच्छ लाभ में मूल भूल जाना
सूंघण की नाक कटि गै – इज्जत चली गई
सिर में सिंग उगाण – अधिकार से बाहर जाकर काम करना
हाथ में लड्डू टूटिगो – मौका हाथ से निकल जाना
नजर ना लगन – किसी
चीज़ की प्रशंसा से डर
कुंभकरण की नींद – बहुत
गहरी नींद
धोबी का कुत्ता – न घर
का न घाट का
छल कपट की खेती – धोखाधड़ी
करना
कपाल फूटण – बहुत
बुरी किस्मत
भूत देख के मूर्छित होन – डर के मारे बेहोश हो जाना
अपना उल्लू सीधा करन – अपना स्वार्थ देखना
गले की फांस बनन – परेशानी
बन जाना
नाक में दम करन – बहुत
तंग कर देना
धरती फट गई हो जैसे – बहुत शर्म आना
भूतपूर्व बकरे की पूंछ – काम का ना होना
बकरी की माँ कब तक खैर मनाएगी – गलत काम का अंजाम आएगा
मुँह में दही जमाना – चुप रहना
उल्टी गंगा बहाना – परंपरा के विरुद्ध काम करना
ताड़ी पीके नाचण – मर्यादा
तोड़ देना
हाथ कंगन को आरसी क्या – स्पष्ट बात पर संदेह करना
ज़रूर!
यहाँ अगले 50 कुमाऊँनी मुहावरे दिए जा रहे हैं:
कुमाऊँनी मुहावरे (अगले 50)
आंखों में धूंआ पड़णु – धोखा खाना
मुंह लुकाणु – शर्मिंदा
होना
हाड़ काँपणु – बहुत
ठंड लगना
नैणी फट जाणा – हैरान
हो जाना
छाती फाट जाणा – अत्यधिक
दुःख होना
कान ऐंठ जाणा – डांट
पड़ना
भौं सिकुड़णु – नाराज
होना
पांव ठक जाणा – थककर
चूर होना
नाक सूँघि राखणु – बहुत
नज़दीक से निगरानी रखना
हाथ मलणु – पछताना
काणु खाय गयु – चोरी
से कोई चीज़ ले जाना
गोजि में आग लागणु – बेचैनी होना
नुन्ना सूं खेलणु – आसान समझना
ढपोरशंख बाजणु – डींग
मारना
धौंस जमाणु – रौब
दिखाना
स्याणप देखाणु – चालाकी
दिखाना
गोठ लगाणु – गपशप
करना
मूड़ घुमा दिणु – भ्रमित
करना
छात में बाण घोंपणु – दिल दुखाना
छिल्ली बजाणु – बेवजह
बोलना
छींका फूटणु – दुर्भाग्य
होना
अगास में उड़णु – बहुत
घमंडी होना
माटि में मिल जाणा – बर्बाद हो जाना
अक्ल ठिकाने लागणु – सच्चाई समझ आना
जिब भै लगाणु – बहुत
खुश होना
पौंछ चिपकाणु – चापलूसी
करना
धूणी तपाणु – संघर्ष
करना
गणगण में लागणु – सभी
जगह फैल जाना
बाँठ पर चढ़णु – सिर
चढ़ जाना
घिंघी बण जाणा – कुछ न
बोल पाना
हलक सूख जाणा – भय या
तनाव में आना
कान पगला जाणा – बहुत
तेज़ आवाज़ होना
झपटी मारणु – अचानक
हमला करना
सिर गाड़ि राखणु – ज़िद
पर अड़ जाना
तपाक सूं बोलणु – बिना
सोचे बोल देना
तित्तर-बित्तर होणु – बिखर जाना
लट्टू होणु – दीवाना
हो जाना
बुढ़ापा में रंग जमाणु – बूढ़े में भी शौक़ पालना
बिल्ली देख के चूहा बन जाणा – डर से दब जाना
भूत पकड़णु – सनक
सवार हो जाना
बैल की आँख में सींग ठोकणु – गलत जगह बहस करना
घुंघट में बात करणु – बात को छुपा कर कहना
चुड़ैल देख के उल्टा दौड़णु – विपरीत दिशा में भागना
बिना पेंदे का लोटा – अस्थिर इंसान
अंधा बाट देखणु – बिना
परिणाम के उम्मीद रखना
नाक रगड़ि राखणु – बहुत
मिन्नत करना
गधे के सिर से सींग गायब – अचानक गायब हो जाना
फूंक फूंक के कदम रखणु – बहुत सतर्क रहना
हाथ में छुरी, मुंह
में राम राम – धोखेबाज
व्यक्ति
काँटों में फूल खोजणु – कठिनाई में अच्छाई ढूंढना
यहाँ
कुछ और कुमाऊँनी मुहावरे दिए जा रहे हैं:
कुमाऊँनी मुहावरे (Kumaoni Muhavare) – भाग 8:
गधे लै बगाल – बिना
मतलब की मेहनत करना
सिर में धुण डालना – जबरदस्ती परेशानी मोल लेना
भांग की पत्ती लै घी निकालना – असंभव काम करना
नाक कटे जै – बहुत
शर्मनाक स्थिति हो जाना
मुंह लुका जै – बहुत
शर्मिंदा होना
धत् पगला गे – अजीब
व्यवहार करना
ज्यादा बुझणू – बहुत
चालाक बनने की कोशिश करना
पिट्यो पिट्यो कहणू – बार-बार एक ही बात को दोहराना
घास सूं बात करनू – बिल्कुल नासमझ से बात करना
भीलू की धण – बहुत
कमजोर दलील देना
बैल सरीकि मेहनत – कठोर
परिश्रम करना
पानी में तेल जै – बिल्कुल
अलग होना
नैण खां बाण चलाणू – आँखों से इशारा करना
कुंडी मार जै – चुपचाप
भाग जाना
धुंध में जणू – कुछ
समझ में न आना
ढोली की बजै – सबके
सामने आलोचना होना
हसिया सूं मूं काटणू – खुद का ही नुकसान कर लेना
गोभी में कीड़ा जै – अच्छा काम में बुराई आ जाना
हाथ में रेखा जै – किस्मत
पर निर्भर होना
माथा ठोक जै – पछताना
दूद को दांत दिखाणू – मासूमियत से चालाकी करना
सिर पे कौवा बैठणू – संकट आ जाना
बकरी की माँ कब तक खैर मनाएगी – बुरे कर्मों की सजा एक दिन जरूर मिलती है
ढक में आग – भीतर
ही भीतर जलना
बिना बात की बात – तिल का
ताड़ बनाना
सूखी डाली जै फळ ठोकणू – उम्मीद ना के बराबर से कुछ चाहना
घुघूती की चाल – बहुत
सुंदर चाल
बगुला भगत – दिखावे
में साधु, पर अंदर से धूर्त
दाना पानी बिसर जै – सब कुछ भूल जाना
नाक में दम कर जै – बहुत परेशान कर देना
ठुल-बड्डू बनणू – खुद को
बड़ा समझना
बीच बाजार में धोबी पछाड़ – सार्वजनिक रूप से हार जाना
हंसी में बात उड़ा जै – गंभीर बात को मजाक बना देना
गाड़ सूं रै बांणू – समय गंवा देना
सांड सूं सुणाई – जोक
सुनाना बेअसर हो जाना
सुखा रोटी खा जै, पर लाज राख जै – गरीबी
में भी इज्जत बनाए रखना
तिरछी आँख सूं देखणू – नफरत या शक से देखना
ठठरी उठाणू – मृत्यु
हो जाना
भूत की कहाणी सुनाणू – डरावनी या झूठी कहानी सुनाना
थाली में छेद कर जै – जिस पर भरोसा हो उसी को धोखा देना
मुँह में घी शक्कर – शुभकामना देना
कान में तेल डाल जै – अनसुना करना
घोड़ सूं बकरी बंधणू – असमान चीजों की तुलना करना
बाल सूं कमाई कर जै – बहुत कम उम्र में सफलता पाना
नालायक को बेटा – नालायक
संतान
भड़ भड़ बोल जै – बकवास
करना
छाता सूं छेद – सुरक्षा
में ही खतरा
हाथ धो के पीछे पड़नू – पूरी ताकत से पीछे पड़ जाना
भुट्टा सूं बात कर जै – किसी से उलझना
आग में घी डालनू – पहले
से फैले झगड़े को और भड़काना
यह रहे
अगली 50 कुमाऊँनी मुहावरे:
कुमाऊँनी मुहावरे (भाग - 4):
नाक नें रोटी सुकि – बहुत गरीब होना
भंगार ज्यूँ चिपकण – बहुत चिपकू होना
छोल्ली मा धूण पड़ग्यो – परेशानी आ जाना
अक्ल तैं बस्ता लै गय – बिल्कुल बेअक्ल होना
भुसकै म्याड़ खाण – बिना सोचे काम करना
हिंसर ज्यूँ मुँह च्यापण – शर्मिंदा होना
हुन्यारु मैकू बग्गु – दिखावा करना
कुकुर जैसन भुँकण – व्यर्थ बोलते रहना
भंगार ज्यूँ चिपकण – बार-बार आकर परेशान करना
खिचड़ी ज्यूँ मिल जुल – बहुत घुल मिल जाना
टेसुवा तैं पिठ्यु – धोखा देना
सुतौ काणु मिणणा – बहुत
चालाक बनना
घुंघरिया मा भूत पड़ग्या – डर जाना
नाक बै गड़ी – प्रतिष्ठा
खो देना
माथा मा धूण ठोकण – गलती
पर पछताना
दूध मा नमक पड़ग्या – अच्छे माहौल में खटास आना
फूट्या कनौं मा ब्यान – समझ न आना
हिरण ज्यूँ कुलांच मारण – बहुत चंचल होना
गोलू ज्यूँ हुल्लड़ करन – शोर मचाना
गदेऱी का बाल – बहुत
मजबूत व्यक्ति
भुसकै ज्यूँ धसण – बेवजह
परेशान होना
हिंसर लै ज्यूँ डसण – धोखा देना
घी ज्यूँ घुलण – सरल
स्वभाव
भीतर भांग पड़ग्या – आपस में लड़ाई होना
लत्तु बण जण – घबरा
जाना
भेड़ी का ऊन ज्यूँ मुलायम – बहुत नरम स्वभाव
ग्याँठी में पकण – बीमार
पड़ना
हाड़ फोड़ी कमाय – बहुत
मेहनत करना
छाण मा भूत रिणण – भयभीत
होना
आँखी तै आँगण देखण – चालाकी से सब समझना
हिंसरु का बघार मारण – ढोंग करना
गधा तै फुर्सत बीनण – मूर्ख से समय व्यर्थ करना
नाँव लाज राखण – प्रतिष्ठा
बनाए रखना
कूड़ मा सौंधी बास आण – कठिनाई में भी अच्छाई खोजना
नाभी का बास मारण – अपमान करना
बल्ला मा बड़ाई – छोटी
बात का बतंगड़
बिन पाणि मछली ज्यूँ तड़फण – अत्यधिक बेचैनी होना
काखी मा हाथ डालण – बहादुरी दिखाना
तितली ज्यूँ उड़ण – एक जगह ना टिकना
ज्यादा मीठा तैं मधु में चींटी पड़ण – ज़्यादा अच्छाई से नुकसान
भ्याऊ भ्याऊ करन – निरर्थक
बातें करना
खुट्टा बंधी बकरी – मजबूर व्यक्ति
भांग खाई जैसा हँसन – बिना मतलब खुश होना
भुस्सा मा आग लगग्या – मामूली बात से झगड़ा
चुल्हा बिन धुआँ – बिना
वजह अफवाह
नथुला की बर्फ – कठोर
और शांत
चकरी ज्यूँ घूमण – हरदम
व्यस्त रहना
दाना बिन पंछी ज्यूँ भटकण – लक्ष्यहीन घूमना
भूत देखिकै पसीण छुटण – बहुत डर जाना
जुंला मा भुस्सा रखण – गुस्से वाला काम करना
यह रहे
अगली 50 कुमाऊँनी मुहावरे:
कुमाऊँनी मुहावरे (भाग - 4):
नाक नें रोटी सुकि – बहुत गरीब होना
भंगार ज्यूँ चिपकण – बहुत चिपकू होना
छोल्ली मा धूण पड़ग्यो – परेशानी आ जाना
अक्ल तैं बस्ता लै गय – बिल्कुल बेअक्ल होना
भुसकै म्याड़ खाण – बिना सोचे काम करना
हिंसर ज्यूँ मुँह च्यापण – शर्मिंदा होना
हुन्यारु मैकू बग्गु – दिखावा करना
कुकुर जैसन भुँकण – व्यर्थ बोलते रहना
भंगार ज्यूँ चिपकण – बार-बार आकर परेशान करना
खिचड़ी ज्यूँ मिल जुल – बहुत घुल मिल जाना
टेसुवा तैं पिठ्यु – धोखा देना
सुतौ काणु मिणणा – बहुत
चालाक बनना
घुंघरिया मा भूत पड़ग्या – डर जाना
नाक बै गड़ी – प्रतिष्ठा
खो देना
माथा मा धूण ठोकण – गलती पर पछताना
दूध मा नमक पड़ग्या – अच्छे माहौल में खटास आना
फूट्या कनौं मा ब्यान – समझ न आना
हिरण ज्यूँ कुलांच मारण – बहुत चंचल होना
गोलू ज्यूँ हुल्लड़ करन – शोर मचाना
गदेऱी का बाल – बहुत
मजबूत व्यक्ति
भुसकै ज्यूँ धसण – बेवजह
परेशान होना
हिंसर लै ज्यूँ डसण – धोखा देना
घी ज्यूँ घुलण – सरल
स्वभाव
भीतर भांग पड़ग्या – आपस में लड़ाई होना
लत्तु बण जण – घबरा
जाना
भेड़ी का ऊन ज्यूँ मुलायम – बहुत नरम स्वभाव
ग्याँठी में पकण – बीमार
पड़ना
हाड़ फोड़ी कमाय – बहुत
मेहनत करना
छाण मा भूत रिणण – भयभीत
होना
आँखी तै आँगण देखण – चालाकी से सब समझना
हिंसरु का बघार मारण – ढोंग करना
गधा तै फुर्सत बीनण – मूर्ख से समय व्यर्थ करना
नाँव लाज राखण – प्रतिष्ठा
बनाए रखना
कूड़ मा सौंधी बास आण – कठिनाई में भी अच्छाई खोजना
नाभी का बास मारण – अपमान करना
बल्ला मा बड़ाई – छोटी
बात का बतंगड़
बिन पाणि मछली ज्यूँ तड़फण – अत्यधिक बेचैनी होना
काखी मा हाथ डालण – बहादुरी दिखाना
तितली ज्यूँ उड़ण – एक जगह ना टिकना
ज्यादा मीठा तैं मधु में चींटी पड़ण – ज़्यादा अच्छाई से नुकसान
भ्याऊ भ्याऊ करन – निरर्थक
बातें करना
खुट्टा बंधी बकरी – मजबूर व्यक्ति
भांग खाई जैसा हँसन – बिना मतलब खुश होना
भुस्सा मा आग लगग्या – मामूली बात से झगड़ा
चुल्हा बिन धुआँ – बिना
वजह अफवाह
नथुला की बर्फ – कठोर
और शांत
चकरी ज्यूँ घूमण – हरदम
व्यस्त रहना
दाना बिन पंछी ज्यूँ भटकण – लक्ष्यहीन घूमना
भूत देखिकै पसीण छुटण – बहुत डर जाना
जुंला मा भुस्सा रखण – गुस्से वाला काम करना
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