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कुमाऊनी पहेलियों (Kumaoni Paheliyan)|Kumaoni Riddles (Kumaoni Paheliyan)

कुमाऊनी पहेलियों (Kumaoni Paheliyan)|Kumaoni Riddles (Kumaoni Paheliyan)


उल्टा कू भिटुल, सीधा कू न्हाण।
ह्या बणि मेरो परेम पहचान।।
— 
उत्तर: खत (पत्र)

ऊँ चड़ि बैठा कालो बाज,
गगास की फेरे ले।
— 
उत्तर: धुआँ

कुं ऐ गयो, कुं ऐ गयो,
मोटा लठ्ठि ताँ ऐ गयो।
— 
उत्तर: साँप

काले मिरच्युं बींच बिचारी,
कपड़ा ओढ़ि बजाणि डमू।
— 
उत्तर: भौंरा (भंवरा)

ऊँ टपरीमा बिंदी लाली,
जात होइ छिन भुली ब्वारी।
— 
उत्तर: सूरज

स्यालि जिउं फोला फोला,
जांडी म खालि टकुला।
— 
उत्तर: ककड़ी

लंबा हाथ, स्याहो मुख,
पकड़े लठ्ठु, फेरे दुख।
— 
उत्तर: मोर (नाचता हुआ)

बास को ठेंगा,
ह्या देखी हेंगा।
— 
उत्तर: नाक

ऊँ चड़ि बसी लाल दन,
सब कु देइ बणै धन।
— 
उत्तर: सूरज

खाड़़े बण म फुँकार मारै,
देखनु वाला भुतै हारै।
— 
उत्तर: बाघ

भितर भितर लटपटै,
बाहर देखणु डरपै।
— 
उत्तर: साँप

एक कुटुम्बी लम्बी पूँछी,
जब हाँसे तब होलि पूँछी।
— 
उत्तर: सूई और धागा

अगास में एक थाली,
सबै लपकणि मारी।
— 
उत्तर: सूरज

नून बिना मीठो,
पाणी बिना पीठो।
— 
उत्तर: दूध

काले घर में उज्ज्याली रैण।
— 
उत्तर: आंख (आंख की पुतली)

आग बिना जाळै,
पाणी बिना बहै।
— 
उत्तर: हवा

छंछ्या में पिंड बैठा,
न देखो त बैठा, देखो त उड़ि जाला।
— 
उत्तर: सपना

ऊँ बैठा छ जाड़ में,
न देखो त ठंडि लागै।
— 
उत्तर: आग

चाँद बणै जब माछा खाणौ।
— 
उत्तर: थाली

गोड़ छै न हाथ,
हेरि देई बाट।
— 
उत्तर: आँख

न खांदौ न पींदौ,
हर बखत घुमा घुंदौ।
— 
उत्तर: घड़ी

एक अजब खेलो छ,
उठि बैठै पैलो छ।
— 
उत्तर: छाता

जांदी बेली छ,
बोलणी बेली छ।
— 
उत्तर: नदी

जस जस काटो, तस तस बड्ड।
— 
उत्तर: गड्ढा

जड़ि न पात,
बाड़ी भरि जात।
— 
उत्तर: धुँवा

मां बण, ब्वारी बण,
जंय देखूं, त्यंय छन छन।
— 
उत्तर: छाता

गुनगुनी बण को एक जाड़,
ह्वे बणि जात छ अनखर दाड़।
— 
उत्तर: धूप

जिंदा छुँ त सब डरन,
मरे पछी सब चर्न।
— 
उत्तर: बाघ

गगास में उड़ी छ गिलासी,
कू नी खाणू, ह्वे बणि बासी।
— 
उत्तर: बादल

ऊँ बैठा गोलो लाट,
रात दिन ताकै बाट।
— 
उत्तर: चाँद

लालो लाट बगड़ बैठो,
सबैन कु देखो पैठो।
— 
उत्तर: सूरज

धक धक धड़कणि करै,
ज्यूं ज्यूं माणस चलै।
— 
उत्तर: दिल

धरती स्यूँ जनमी,
सबेकी थाली म समै।
— 
उत्तर: अन्न/चावल

माथो में बठौंलो,
कांख म लठौंलो।
— 
उत्तर: कुल्हाड़ी

ऊँ लट्कै छ गोबर कु लट्ठा,
ओ छु न्हाण कु राजा।
— 
उत्तर: सूरज

एक राति म उगै,
एक राति म डूबै।
— 
उत्तर: चाँद

खान न पीणौ,
नाचण गाणौ।
— 
उत्तर: रेडियो

ठो ठो हाड़ा मारै,
घूंघट में सारै।
— 
उत्तर: ढोल

धक धक करै,
कभि देखो, कभि हरै।
— 
उत्तर: दिल

एक बडो झाड़ छ,
छाँव ना धूप।
— 
उत्तर: आकाश

छा ले मेरो गौं,
न दिखे मेरो ठाँव।
— 
उत्तर: कोहरा

चपचपी बणि बौरि,
पिंडु भरि मौरि।
— 
उत्तर: जोंक

ऊँ बैठी बाड़ी बण में,
न कान छै न आँख,
फेरि सब जानि लय।
— 
उत्तर: हवा

गोड़ न हाथ,
फेरि भागै बाट।
— 
उत्तर: पानी

ठंडि म आगै,
गर्मी म भागै।
— 
उत्तर: कम्बल

उपर बणै, नीचे बणै,
बीच म मीठो पानी भरे।
— 
उत्तर: नारियल

हाथ न लागै,
मुँह म जालै।
— 
उत्तर: मिर्च

एक बडो थाल,
सबईं खातनि माल।
— 
उत्तर: आकाश

गुगलू ज्यूँ आकृति,
कांटी बिन पीठी।
— 
उत्तर: आम

कु तू ठाड, कु तू फाड,
दिन भरि को लठा लाड।
— 
उत्तर: हल (जोतने वाला)

ऊँ टनकौरी मा बसा गो झल,
न देखो तै भयौ हलचल।
— 
उत्तर: बिच्छू

कलेजा छ फाड़,
पीठ छ माड़।
— 
उत्तर: कुल्हाड़ी

खुल्ला म बासै,
राति मा त्रासै।
— 
उत्तर: उल्लू

नुन्नी छुँ माया बणि,
हर घर बणि छाया बणि।
— 
उत्तर: बेटी

एक थैलि म डाली सौं,
एक बीज म जौं।
— 
उत्तर: अनार

बिना पंख उड़णु,
बिना पेट खाणु।
— 
उत्तर: हवा

गोल गोल पिंडु,
चपल बणि ठेठु।
— 
उत्तर: गेंद

ओ बणै पात,
सब खाई जात।
— 
उत्तर: रोटी

धप्प धप्प मारै,
सिर म बजावै।
— 
उत्तर: डमरू

न बोलै न हाँसै,
फेरि सब बतावै।
— 
उत्तर: किताब

गोल बणि पिंडु,
चोपु न हिंडु।
— 
उत्तर: तवा

ऊँ ज्यों उगै,
बौश्या ल्यै भागै।
— 
उत्तर: सूरज

मुँह बणि बास,
भीतरि बात।
— 
उत्तर: सीटी

घुघूटी बणि बोलि,
बिचौ बिचौ टोलि।
— 
उत्तर: कोयल

टपकौ बणै बात,
कान स्यूँ जाँय घात।
— 
उत्तर: अफवाह

ऊँ छुँ ढलै,
राति म चलै।
— 
उत्तर: चाँद

धक्क धक्क करै,
जिबि थकनु धरै।
— 
उत्तर: दिल

खाई खाई छ,
फेरि पिण्डु म छ।
— 
उत्तर: जीभ

पानी म जलै,
आग म डुबै।
— 
उत्तर: तेल

एक लोटा तेल,
हाँडी म खेल।
— 
उत्तर: दीपक

बिन पंखा उड़ि जाला,
न देखी डार न डाला।
— 
उत्तर: हवा

ऊँ टपरी में जौं बैठा,
न देखनु न सूँघनु।
— 
उत्तर: आत्मा

काले बदरा में उज्ज्याली,
फेरि न आवै दुराली।
— 
उत्तर: बिजली

ऊँ बैठी पिंडु बणि,
छाँव बणै थलि थलि।
— 
उत्तर: बादल

जूं हाडै त्यूं काड़ै,
जूं हाँसे त्यूं राड़ै।
— 
उत्तर: कैंची

कु तू सड़ै, कु तू हाँसै,
बण मा सुणै, गौं मा रांैसै।
— 
उत्तर: ढोल

कपड़ा ओढ़ि नाचणि बेली,
भूँखि मारे पिलि पिलि खेली।
— 
उत्तर: आग*

ऊँ में भीतरि स्यालि,
बाहर सुणी खाली।
— 
उत्तर: बांसुरी

पानी बणै परात,
देखी मन भात।
— 
उत्तर: आइना

न हाथ छै, न पाँव छै,
हर घर में थान छै।
— 
उत्तर: दरवाज़ा

ऊँ चलै स्यालि ज्यूं,
छोड़ै फेफड़्यालि ज्यूं।
— 
उत्तर: नागिन (या रस्सी)

गोल गोल चीज छ,
भीतरि मीठी चीज छ।
— 
उत्तर: संतरा

पेट भित्रि दीठो जैं,
पर खोले बिन पाय नैं।
— 
उत्तर: अंडा

ऊँ लहरै बण बणि,
पर तनक न बणि बणि।
— 
उत्तर: गंध/खुशबू

गोल बणै गड्या,
सबकी गढ़्या।
— 
उत्तर: धरती

दूध को भाया,
मार खाय और न गुस्साया।
— 
उत्तर: दही

जै जै बोलूं, तै तै गूंजी।
— 
उत्तर: गूंज/प्रतिध्वनि

ऊँ खाण में चिमटी लागै,
तनु भरि ब्वारी बागै।
— 
उत्तर: मिर्च

गोल गोल चीज छ,
न हात लागै, न पाँव।
— 
उत्तर: सपना

काली चीजि बणै,
सबै नथिन बणै।
— 
उत्तर: अक्षर/लिखाई

खड़ खड़ बोली,
सुणण वाला रोली।
— 
उत्तर: आँसू

ऊँ बणै सिर मठा,
रोज रोज ले ठाठा।
— 
उत्तर: टोपी

बिना मुड़ी लट्ठा,
बिना खाई पिठा।
— 
उत्तर: सड़क

पानी बिन मरे,
हाथ लगाई त जरे।
— 
उत्तर: नमक

घुट घुट चलै,
फेरि माने न चलै।
— 
उत्तर: शराब

मुँह देखणु डरावणु,
फेरि भी सब छावणु।
— 
उत्तर: आईना

पैठै सुँगै,
बहिर सुँ नंगै।
— 
उत्तर: अगरबत्ती

छींकों नी छूई,
फेरि रोटी खूँई।
— 
उत्तर: भूख

ऊँ लट्कै घुरघुर्याल,
डंक मारै बिन सवाल।
— 
उत्तर: बिच्छू

कु तू ओलि, कु तू गोळि,
मेरु तनु ह्वे जौ लोळि।
— 
उत्तर: ठंडी हवा

दुई जन बणै मेल,
फेरि दूनो बणै खेल।
— 
उत्तर: हाथ

ऊँ जूं हांसे,
सब जौं भांसे।
— 
उत्तर: सूरज

धुप म छायो,
छाँव म रायो।
— 
उत्तर: परछाईं

बिन बातै चपड़ चपड़,
सब बण म करै घपड़।
— 
उत्तर: अफवाह

खाई बिन जूं मोवै,
बचै तो कामै आवै।
— 
उत्तर: माचिस

पिण्डु न छोड़ी,
नास न जोड़ी।
— 
उत्तर: आत्मा

गोल बणै काठी,
खाय ले खाती।
— 
उत्तर: रोटी

ऊँ बणै चूड़ी चूड़ी,
फेरि तनु ह्वे झूली झूली।
— 
उत्तर: धूप*

कु तू सौं बठै,
कु तू सौं भागै।
— 
उत्तर: मन*

बिना धागा सीवण होइ,
सबका तनु पहिरण होइ।
— 
उत्तर: चमड़ी/त्वचा

ठंडी बणै आग,
फेरि न जाळै बाग।
— 
उत्तर: चाँदनी रात*

गगास कु ठुलो,
धरती कु चुल्लो।
— 
उत्तर: बादल*

काली चीजि,
देखी सब खीस।
— 
उत्तर: बाल*

गोल बणै डब्बा,
भीतर म जब्बा।
— 
उत्तर: नारियल

ऊँ रोटी स्यूँ खेलै,
पेट म पिरै लैलै।
— 
उत्तर: भूख*

एक थैलि में सब ठाँव,
पर थैलि देखी न जाँव।
— 
उत्तर: मन*

गोल गोल गाड़ा,
न खसै न ताड़ा।
— 
उत्तर: ग्रह/पृथ्वी

खाई बिन खाई,
पीई बिन पीई।
— 
उत्तर: प्रेम*

ठंडी बणै अग्नि,
बिना जाळै मग्नि।
— 
उत्तर: चाँदनी*

बोलि बिना बात,
बण मा होइ घात।
— 
उत्तर: संकेत/इशारा*

ऊँ टपरी म उज्याली रैण,
हरि ज्यूं के मुख मैं चैं।
— 
उत्तर: दीया/दीपक

न देखे जौं डर लागै,
देखे जौं मन भागै।
— 
उत्तर: अंधकार

ऊँ बणै नोंठ,
न बणै ठोंठ।
— 
उत्तर: बाँसुरी*

लट्टू ज्यूं घूमणु,
बिन रुक्या बिन थामणु।
— 
उत्तर: पंखा*

पीठ में स्याही,
तनु में काठी।
— 
उत्तर: कलम*

बिन टांग चलै,
बिन मुंह बोलै।
— 
उत्तर: किताब*

ऊँ देखी आंख,
सुनि लियो कान।
— 
उत्तर: सपना*

छाना बिन पाणी,
धारा बणि आनि।
— 
उत्तर: आँसू*

घुंघट मा रै छै,
बाजा बजै छै।
— 
उत्तर: ढोलक*

ओ बणै डाँड़,
न लोटै न बांध।
— 
उत्तर: पथ्थर*

काला पीठ,
सफेद मुख।
— 
उत्तर: स्लेट*

थाल में होलि,
राति दिन टोलि।
— 
उत्तर: चाँदनी*

दूध पिलावणु,
फेरि काटी ल्यावणु।
— 
उत्तर: गाय*

उज्यालो म मूंदि,
अंधियारो म खुंदी।
— 
उत्तर: आंख*

भितरि छ नून,
बाहरि छ मून।
— 
उत्तर: जीभ*

न धूप छै, न छाँव छै,
फेरि सब म्यान छै।
— 
उत्तर: हवा*

ऊँ थारी मा बैठो,
राति भरि कै खेलो।
— 
उत्तर: चाँद*

एक आँख बणै उज्याली,
एक आंख बणै अंधियारी।
— 
उत्तर: सूरज और चाँद*

ऊँ बणै तिरछा धनुष,
पानी में छोड़े न फुस।
— 
उत्तर: इन्द्रधनुष*

सिर माथि रहै,
बारिश म तरै।
— 
उत्तर: टोपी*

छू नै सकूँ,
फेरि भी देखूँ।
— 
उत्तर: सपना*

न उड़ै पंखी,
न बोले मुखी।
— 
उत्तर: पतंग*

ओ बणै रोड़ी,
लुड़कण बणै गोदी।
— 
उत्तर: गेंद*

एक ठुली मटकी,
सबे मँ भटकी।
— 
उत्तर: धरती*

ठंडा बणै पानी,
फेरि जलै जवानी।
— 
उत्तर: शराब*

नैन में बसे,
देखण में रस।
— 
उत्तर: प्रियजन*

न बातै, न सुणै,
फेरि भी सब बुझै।
— 
उत्तर: संकेत*

घण्टा न बजै,
फेरि समय बतै।
— 
उत्तर: घड़ी*

ऊँ कु ह्वे न चूल्हा,
फेरि जलै बालौ।
— 
उत्तर: मोमबत्ती*

खाई बिन स्वाद,
हर मनुज कु बाद।
— 
उत्तर: प्रेम*

गोल गोल घेरा,
बीच म उजियारा।
— 
उत्तर: दीपक या सूरज*

माथो में बटी,
हाथ म ठिठी।
— 
उत्तर: कुल्हाड़ी*

लाली-लाली छ मुख म,
फेरि भी बात न करे।
— 
उत्तर: सेब*

एक खंभा ऊँ बणै,
सब बात उसमें बणै।
— 
उत्तर: मोबाइल टॉवर*

कुल्ली म बोलै,
पर मुंह न खोलै।
— 
उत्तर: रेडियो*

जांगर में झोंक,
फेरि न निकरै ठोंक।
— 
उत्तर: भावना*

घड़ी म न सुई,
फेरि समय बताई।
— 
उत्तर: मोबाइल घड़ी*

पीठ में बैठी,
तनु में सैंठी।
— 
उत्तर: रीढ़ की हड्डी*

गोल बणै ढोल,
बजै बिन मोल।
— 
उत्तर: ढोलक*

फिरै दिन भरि,
बैठै रात भरि।
— 
उत्तर: सूरज*

छांह बणै पग पग,
पर साथ नै आवै।
— 
उत्तर: परछाईं*

थाल म जल,
चांदी सी चाल।
— 
उत्तर: झील*

ठुली छोरी बणै,
तिवारी कहाणी कहै।
— 
उत्तर: बुजुर्ग दादी*

भितर जलै,
बाहर मलै।
— 
उत्तर: मोमबत्ती*

खुलै न खोलै,
भीतर छ भोलै।
— 
उत्तर: मन*

गोल गोल रोटी,
सबै खाई मोटी।
— 
उत्तर: रोटी*

पीठ में भरै,
खेत म करै।
— 
उत्तर: खाद/गोबर*

नद में नाल,
पिऊ बिन हाल।
— 
उत्तर: मछली*

घुँघरू बणै पहरै,
बिन बाजा न हरै।
— 
उत्तर: नर्तकी*

ठंड में मीठो,
गर्मी में खारो।
— 
उत्तर: गुड़*

माथो म राखै,
रीत म चलै।
— 
उत्तर: सिन्दूर*

अंधियारो की साथी,
न रोटी न भात की।
— 
उत्तर: दीया/दीपक*

गोल बणै मेला,
बीच म खेला।
— 
उत्तर: गाँव का मैदान*

पानी म फूटै,
खेत म छूटै।
— 
उत्तर: बीज*

भिंड में खेलै,
कांध में झेलै।
— 
उत्तर: हल*

माटी म जनमै,
थाली म समै।
— 
उत्तर: अन्न*

एक बणै पात,
मुँह म जात।
— 
उत्तर: पान*

लाल बणै अग्नि,
घी बिन भटकि।
— 
उत्तर: चूल्हा*

गोल घेरा में दौड़,
थकनु न छ छोर।
— 
उत्तर: पंखा*

धूप से डरै,
पानी में मरे।
— 
उत्तर: नमक*

मनुज स्यूँ बोले,
उत्तर न खोले।
— 
उत्तर: फोन/मोबाइल*

बिना कुल्हाड़ी,
लकड़ी काटै।
— 
उत्तर: आरी*

पानी म पलै,
जाल स्यूँ चलै।
— 
उत्तर: मछुआरा*

अन्नू बणै थाल,
भीतरि रै बाळ।
— 
उत्तर: फल*

धरती म गिरै,
नास म भरै।
— 
उत्तर: खुशबू*

घोड़ा बणै पिंडु,
न चोपै न हिंडु।
— 
उत्तर: खिलौना*

छाँव बणै ऊपर,
रैण में दीप बणै।
— 
उत्तर: चाँद*

बिना रसोई,
बणै मिठाई।
— 
उत्तर: प्रेम भरी बात*

बिन नथन के नाक,
फेरि भी बहुत ताक।
— 
उत्तर: मुंह*

माथ म लाल,
मन म बाळ।
— 
उत्तर: बिंदी*

ऊँ घुरघुर्याल बणै,
टंकार बिन बजै।
— 
उत्तर: बिजली

पीठ में डंडा,
खोपड़ी में फंडा।
— 
उत्तर: कुल्हाड़ी

एक थाल में तीन पात,
तीनों खाँदै साथ।
— 
उत्तर: खाना – दाल, चावल, रोटी

बिना पहरुआ कु दरवाजो,
फेरि खोलै न ताला।
— 
उत्तर: मुंह

धरती ऊपर,
पैर नीचे।
— 
उत्तर: जूता*

खाट म टंगै,
माट म जंगै।
— 
उत्तर: रस्सी

बिन मुख को बात,
सबईं सुणणि खात।
— 
उत्तर: हवा*

मुँह मा मीठास,
पेट मा प्यास।
— 
उत्तर: आम*

नस नस में बणै बात,
फेरि तनै न देखै जात।
— 
उत्तर: खून*

एक मुख, दुई कांठा,
फेरि भी सब मुँह बाठा।
— 
उत्तर: चम्मच*

धुंध बणै खाई,
देखणु भारी पाई।
— 
उत्तर: कोहरा*

ऊँ कु मुख सुणै सब बात,
फेरि खुद ना दे बात।
— 
उत्तर: टेलीफोन*

थाल बणै गोल,
भीतरि छलकण बिन मोल।
— 
उत्तर: तालाब*

बिन ठूंठ छाल,
बिन पाणी चाल।
— 
उत्तर: गाड़ी*

ऊँ टोकरी बणै लाली,
सब खावै रुमाली।
— 
उत्तर: तरबूज*

गोल गोल करिया,
भीतर भैरिया।
— 
उत्तर: अंगूर*

ऊँ फूटै नल म,
ज्यूं ज्यूं पियूं त्यूं त्यूं कम।
— 
उत्तर: पानी*

छिपकली स्यूं डरी,
पर दीवार म जरी।
— 
उत्तर: परछाईं*

न पंखी, न बोल,
फेरि उड़े डोल डोल।
— 
उत्तर: पतंग*

काले कपड़ा ओढ़ी,
फेरि उज्याली छोड़ी।
— 
उत्तर: तवा*

कु तू टोक, कु तू रोक,
फेरि भीतर ज्वाला झोक।
— 
उत्तर: रसोई*

एक नाली में सब बैठै,
पर मुँह न देखै।
— 
उत्तर: सीढ़ी*

घास के ढेर म,
बिन घास का सेर म।
— 
उत्तर: सुई*

चले बिना ठेठ,
उड़े बिना पंख।
— 
उत्तर: समय*

लाखों म घुस,
चुपचाप करै धुस।
— 
उत्तर: विचार*

ऊँ बैठो न मुँह,
न थाली, न चम्मच।
फेरि सब भूख भुला दे।
— 
उत्तर: कहानी/कथा

छाना बिन टपके,
बारिश बिना भगे।
— 
उत्तर: आँसू*

धूप बणै, छाँव बणै,
सबकी होवै चाह बणै।
— 
उत्तर: प्यार*

भाषा बणै, बानी बणै,
बिन मुख सब कुछ कहै।
— 
उत्तर: इशारा*

ऊँ काली पिंडु बणै,
भीतरि ग्यान बणै।
— 
उत्तर: किताब*

ज्यूं ज्यूं चलै,
त्यूं त्यूं घटै।
— 
उत्तर: मोमबत्ती*

न हाड छै, न मांस,
फेरि भी जग म व्यास।
— 
उत्तर: आत्मा*

बिन घर का बास,
बिन खिड़की दरबास।
— 
उत्तर: सड़क*

ऊँ टपरी में झांकणु,
भीतर से चिल्लाणु।
— 
उत्तर: कुकर*

न खेत, न बीज,
फसल ह्वे मीठी चीज।
— 
उत्तर: गीत*

न तलवार, न लाठी,
फेरि डरावै सब भाठी।
— 
उत्तर: सपना*

थाली में चमकै,
आकाश म दमकै।
— 
उत्तर: सूरज*

न नाव, न घाट,
फेरि बहै दिन रात।
— 
उत्तर: हवा*

उतरै न चढ़ै,
फेरि घड़ी भरि चलै।
— 
उत्तर: साँस*

आकाश म सजै,
राति म चमकै।
— 
उत्तर: तारा*

लालो लाली ओठ,
बात करे मीठो।
— 
उत्तर: प्रेमिका*

न देखै न जानै,
फेरि भी सब माने।
— 
उत्तर: भगवान*

ऊँ कु रंग छ स्याह,
साचु में बणै ग्यान।
— 
उत्तर: अक्षर*

न हाथ छ, न पाँव छ,
घर घर म मान छ।
— 
उत्तर: नाम*

भितर झाँकै,
मुख म लाज राखै।
— 
उत्तर: आईना*

खान म जो जाय,
थाली म न आय।
— 
उत्तर: हवा/गंध*

बिना खम्भा, बिना दीवार,
सबकै सिर ऊपर तैयार।
— 
उत्तर: आकाश*

आँखि बणै, नयन बणै,
बिन देखै सब जानै।
— 
उत्तर: प्रेम*

धुआं निकरै बिना आग,
सब बणै मन म भुलाव।
— 
उत्तर: झूठ*

भूख बणै, प्यांस बणै,
त्याग म तृप्ति आनै।
— 
उत्तर: तपस्या*

गोल गोल लट्टू,
बिन धागा झटपू।
— 
उत्तर: गेंद*

चुपचाप चली,
आवाज न हली।
— 
उत्तर: बिल्ली*

नस नस म रै छै,
फिर भी न देखै छै।
— 
उत्तर: खून*

छोटा बणै बखत,
लाचार बणै सकत।
— 
उत्तर: समय*

आँखों का पानी,
मन की कहानी।
— 
उत्तर: आँसू*

बिन रस्ता चलै,
बिन बाता बोलै।
— 
उत्तर: मोबाइल*

छाँव बणै जल म,
चलै बिना पंख।
— 
उत्तर: परछाईं*

उज्याली म जन्म,
अंध्यारो म लोप।
— 
उत्तर: सूरज*

मन में उठै,
मन ही म बैठै।
— 
उत्तर: विचार*

गूंगा भी बोले,
बहिरा भी सुणै।
— 
उत्तर: सपना*


कुमाऊँनी पहेली संग्रह (भाग 5)

 

पहेली:
पानी खै जौ, घाम खै जौ,
नै खै जौ तो मरै जौ।
उत्तर: नमक

 

पहेली:
कालै म्याळ, पाताळी जात,
घुर-बगड़ म्यारी बात।
उत्तर: धुँवा

 

पहेली:
बिणसै नि ओ घण्ट,
प्याट ल्यै रै छै काँट।
उत्तर: मधुमक्खी

 

पहेली:
कालो घोड़ा, बासुली पूँछ,
जेले नि बोलै, बण्यौ नि सूँछ।
उत्तर: तवा (तव्वा)

 

पहेली:
दू ज्यूँ छै बड़का-बड़का,
बीच में छै रस्ता।
उत्तर: दरवाजा

 

पहेली:
बिना खुट्टा, बिना गोड़ा,
सब डाँड-काँठी जालै।
उत्तर: नदी

 

पहेली:
भितर बसै राजा,
बाहिर नाचै बाजा।
उत्तर: दिल

 

पहेली:
घस-घस चाल,
बिना खुट्टा हाल।
उत्तर: साँप

 

पहेली:
पीठ में जामण, मुँह में पानी,
खाल में टोट।
उत्तर: तरबूज

 

पहेली:
ऊँचा-ऊँचा डाँड छँ,
बीच में छै खेत,
नै बोवै, नै खुटवै,
सालभर रहै भेत।
उत्तर: मुँह (दाँत और जीभ)