कुमाऊनी पहेलियों (Kumaoni Paheliyan)|Kumaoni Riddles (Kumaoni Paheliyan)
उल्टा कू भिटुल, सीधा कू न्हाण।
ह्या बणि मेरो परेम पहचान।।
— उत्तर: खत (पत्र)
ऊँ चड़ि बैठा कालो बाज,
गगास की फेरे ले।
— उत्तर: धुआँ
कुं ऐ गयो, कुं ऐ
गयो,
मोटा लठ्ठि ताँ ऐ गयो।
— उत्तर: साँप
काले मिरच्युं बींच बिचारी,
कपड़ा ओढ़ि बजाणि डमू।
— उत्तर: भौंरा (भंवरा)
ऊँ टपरीमा बिंदी लाली,
जात होइ छिन भुली ब्वारी।
— उत्तर: सूरज
स्यालि जिउं फोला फोला,
जांडी म खालि टकुला।
— उत्तर: ककड़ी
लंबा हाथ, स्याहो
मुख,
पकड़े लठ्ठु, फेरे दुख।
— उत्तर: मोर (नाचता हुआ)
बास को ठेंगा,
ह्या देखी हेंगा।
— उत्तर: नाक
ऊँ चड़ि बसी लाल दन,
सब कु देइ बणै धन।
— उत्तर: सूरज
खाड़़े बण म फुँकार मारै,
देखनु वाला भुतै हारै।
— उत्तर: बाघ
भितर भितर लटपटै,
बाहर देखणु डरपै।
— उत्तर: साँप
एक कुटुम्बी लम्बी पूँछी,
जब हाँसे तब होलि पूँछी।
— उत्तर: सूई और धागा
अगास में एक थाली,
सबै लपकणि मारी।
— उत्तर: सूरज
नून बिना मीठो,
पाणी बिना पीठो।
— उत्तर: दूध
काले घर में उज्ज्याली रैण।
— उत्तर: आंख (आंख की पुतली)
आग बिना जाळै,
पाणी बिना बहै।
— उत्तर: हवा
छंछ्या में पिंड बैठा,
न देखो त बैठा, देखो त उड़ि जाला।
— उत्तर: सपना
ऊँ बैठा छ जाड़ में,
न देखो त ठंडि लागै।
— उत्तर: आग
चाँद बणै जब माछा खाणौ।
— उत्तर: थाली
गोड़ छै न हाथ,
हेरि देई बाट।
— उत्तर: आँख
न खांदौ न पींदौ,
हर बखत घुमा घुंदौ।
— उत्तर: घड़ी
एक अजब खेलो छ,
उठि बैठै पैलो छ।
— उत्तर: छाता
जांदी बेली छ,
बोलणी बेली छ।
— उत्तर: नदी
जस जस काटो, तस तस
बड्ड।
— उत्तर: गड्ढा
जड़ि न पात,
बाड़ी भरि जात।
— उत्तर: धुँवा
मां बण, ब्वारी
बण,
जंय देखूं, त्यंय छन छन।
— उत्तर: छाता
गुनगुनी बण को एक जाड़,
ह्वे बणि जात छ अनखर दाड़।
— उत्तर: धूप
जिंदा छुँ त सब डरन,
मरे पछी सब चर्न।
— उत्तर: बाघ
गगास में उड़ी छ गिलासी,
कू नी खाणू, ह्वे बणि बासी।
— उत्तर: बादल
ऊँ बैठा गोलो लाट,
रात दिन ताकै बाट।
— उत्तर: चाँद
लालो लाट बगड़ बैठो,
सबैन कु देखो पैठो।
— उत्तर: सूरज
धक धक धड़कणि करै,
ज्यूं ज्यूं माणस चलै।
— उत्तर: दिल
धरती स्यूँ जनमी,
सबेकी थाली म समै।
— उत्तर: अन्न/चावल
माथो में बठौंलो,
कांख म लठौंलो।
— उत्तर: कुल्हाड़ी
ऊँ लट्कै छ गोबर कु लट्ठा,
ओ छु न्हाण कु राजा।
— उत्तर: सूरज
एक राति म उगै,
एक राति म डूबै।
— उत्तर: चाँद
खान न पीणौ,
नाचण गाणौ।
— उत्तर: रेडियो
ठो ठो हाड़ा मारै,
घूंघट में सारै।
— उत्तर: ढोल
धक धक करै,
कभि देखो, कभि हरै।
— उत्तर: दिल
एक बडो झाड़ छ,
छाँव ना धूप।
— उत्तर: आकाश
छा ले मेरो गौं,
न दिखे मेरो ठाँव।
— उत्तर: कोहरा
चपचपी बणि बौरि,
पिंडु भरि मौरि।
— उत्तर: जोंक
ऊँ बैठी बाड़ी बण में,
न कान छै न आँख,
फेरि सब जानि लय।
— उत्तर: हवा
गोड़ न हाथ,
फेरि भागै बाट।
— उत्तर: पानी
ठंडि म आगै,
गर्मी म भागै।
— उत्तर: कम्बल
उपर बणै, नीचे
बणै,
बीच म मीठो पानी भरे।
— उत्तर: नारियल
हाथ न लागै,
मुँह म जालै।
— उत्तर: मिर्च
एक बडो थाल,
सबईं खातनि माल।
— उत्तर: आकाश
गुगलू ज्यूँ आकृति,
कांटी बिन पीठी।
— उत्तर: आम
कु तू ठाड, कु तू
फाड,
दिन भरि को लठा लाड।
— उत्तर: हल (जोतने वाला)
ऊँ टनकौरी मा बसा गो झल,
न देखो तै भयौ हलचल।
— उत्तर: बिच्छू
कलेजा छ फाड़,
पीठ छ माड़।
— उत्तर: कुल्हाड़ी
खुल्ला म बासै,
राति मा त्रासै।
— उत्तर: उल्लू
नुन्नी छुँ माया बणि,
हर घर बणि छाया बणि।
— उत्तर: बेटी
एक थैलि म डाली सौं,
एक बीज म जौं।
— उत्तर: अनार
बिना पंख उड़णु,
बिना पेट खाणु।
— उत्तर: हवा
गोल गोल पिंडु,
चपल बणि ठेठु।
— उत्तर: गेंद
ओ बणै पात,
सब खाई जात।
— उत्तर: रोटी
धप्प धप्प मारै,
सिर म बजावै।
— उत्तर: डमरू
न बोलै न हाँसै,
फेरि सब बतावै।
— उत्तर: किताब
गोल बणि पिंडु,
चोपु न हिंडु।
— उत्तर: तवा
ऊँ ज्यों उगै,
बौश्या ल्यै भागै।
— उत्तर: सूरज
मुँह बणि बास,
भीतरि बात।
— उत्तर: सीटी
घुघूटी बणि बोलि,
बिचौ बिचौ टोलि।
— उत्तर: कोयल
टपकौ बणै बात,
कान स्यूँ जाँय घात।
— उत्तर: अफवाह
ऊँ छुँ ढलै,
राति म चलै।
— उत्तर: चाँद
धक्क धक्क करै,
जिबि थकनु धरै।
— उत्तर: दिल
खाई खाई छ,
फेरि पिण्डु म छ।
— उत्तर: जीभ
पानी म जलै,
आग म डुबै।
— उत्तर: तेल
एक लोटा तेल,
हाँडी म खेल।
— उत्तर: दीपक
बिन पंखा उड़ि जाला,
न देखी डार न डाला।
— उत्तर: हवा
ऊँ टपरी में जौं बैठा,
न देखनु न सूँघनु।
— उत्तर: आत्मा
काले बदरा में उज्ज्याली,
फेरि न आवै दुराली।
— उत्तर: बिजली
ऊँ बैठी पिंडु बणि,
छाँव बणै थलि थलि।
— उत्तर: बादल
जूं हाडै त्यूं काड़ै,
जूं हाँसे त्यूं राड़ै।
— उत्तर: कैंची
कु तू सड़ै, कु तू
हाँसै,
बण मा सुणै, गौं मा रांैसै।
— उत्तर: ढोल
कपड़ा ओढ़ि नाचणि बेली,
भूँखि मारे पिलि पिलि खेली।
— उत्तर: आग*
ऊँ में भीतरि स्यालि,
बाहर सुणी खाली।
— उत्तर: बांसुरी
पानी बणै परात,
देखी मन भात।
— उत्तर: आइना
न हाथ छै, न पाँव
छै,
हर घर में थान छै।
— उत्तर: दरवाज़ा
ऊँ चलै स्यालि ज्यूं,
छोड़ै फेफड़्यालि ज्यूं।
— उत्तर: नागिन (या रस्सी)
गोल गोल चीज छ,
भीतरि मीठी चीज छ।
— उत्तर: संतरा
पेट भित्रि दीठो जैं,
पर खोले बिन पाय नैं।
— उत्तर: अंडा
ऊँ लहरै बण बणि,
पर तनक न बणि बणि।
— उत्तर: गंध/खुशबू
गोल बणै गड्या,
सबकी गढ़्या।
— उत्तर: धरती
दूध को भाया,
मार खाय और न गुस्साया।
— उत्तर: दही
जै जै बोलूं, तै तै
गूंजी।
— उत्तर: गूंज/प्रतिध्वनि
ऊँ खाण में चिमटी लागै,
तनु भरि ब्वारी बागै।
— उत्तर: मिर्च
गोल गोल चीज छ,
न हात लागै, न पाँव।
— उत्तर: सपना
काली चीजि बणै,
सबै नथिन बणै।
— उत्तर: अक्षर/लिखाई
खड़ खड़ बोली,
सुणण वाला रोली।
— उत्तर: आँसू
ऊँ बणै सिर मठा,
रोज रोज ले ठाठा।
— उत्तर: टोपी
बिना मुड़ी लट्ठा,
बिना खाई पिठा।
— उत्तर: सड़क
पानी बिन मरे,
हाथ लगाई त जरे।
— उत्तर: नमक
घुट घुट चलै,
फेरि माने न चलै।
— उत्तर: शराब
मुँह देखणु डरावणु,
फेरि भी सब छावणु।
— उत्तर: आईना
पैठै सुँगै,
बहिर सुँ नंगै।
— उत्तर: अगरबत्ती
छींकों नी छूई,
फेरि रोटी खूँई।
— उत्तर: भूख
ऊँ लट्कै घुरघुर्याल,
डंक मारै बिन सवाल।
— उत्तर: बिच्छू
कु तू ओलि, कु तू
गोळि,
मेरु तनु ह्वे जौ लोळि।
— उत्तर: ठंडी हवा
दुई जन बणै मेल,
फेरि दूनो बणै खेल।
— उत्तर: हाथ
ऊँ जूं हांसे,
सब जौं भांसे।
— उत्तर: सूरज
धुप म छायो,
छाँव म रायो।
— उत्तर: परछाईं
बिन बातै चपड़ चपड़,
सब बण म करै घपड़।
— उत्तर: अफवाह
खाई बिन जूं मोवै,
बचै तो कामै आवै।
— उत्तर: माचिस
पिण्डु न छोड़ी,
नास न जोड़ी।
— उत्तर: आत्मा
गोल बणै काठी,
खाय ले खाती।
— उत्तर: रोटी
ऊँ बणै चूड़ी चूड़ी,
फेरि तनु ह्वे झूली झूली।
— उत्तर: धूप*
कु तू सौं बठै,
कु तू सौं भागै।
— उत्तर: मन*
बिना धागा सीवण होइ,
सबका तनु पहिरण होइ।
— उत्तर: चमड़ी/त्वचा
ठंडी बणै आग,
फेरि न जाळै बाग।
— उत्तर: चाँदनी रात*
गगास कु ठुलो,
धरती कु चुल्लो।
— उत्तर: बादल*
काली चीजि,
देखी सब खीस।
— उत्तर: बाल*
गोल बणै डब्बा,
भीतर म जब्बा।
— उत्तर: नारियल
ऊँ रोटी स्यूँ खेलै,
पेट म पिरै लैलै।
— उत्तर: भूख*
एक थैलि में सब ठाँव,
पर थैलि देखी न जाँव।
— उत्तर: मन*
गोल गोल गाड़ा,
न खसै न ताड़ा।
— उत्तर: ग्रह/पृथ्वी
खाई बिन खाई,
पीई बिन पीई।
— उत्तर: प्रेम*
ठंडी बणै अग्नि,
बिना जाळै मग्नि।
— उत्तर: चाँदनी*
बोलि बिना बात,
बण मा होइ घात।
— उत्तर: संकेत/इशारा*
ऊँ टपरी म उज्याली रैण,
हरि ज्यूं के मुख मैं चैं।
— उत्तर: दीया/दीपक
न देखे जौं डर लागै,
देखे जौं मन भागै।
— उत्तर: अंधकार
ऊँ बणै नोंठ,
न बणै ठोंठ।
— उत्तर: बाँसुरी*
लट्टू ज्यूं घूमणु,
बिन रुक्या बिन थामणु।
— उत्तर: पंखा*
पीठ में स्याही,
तनु में काठी।
— उत्तर: कलम*
बिन टांग चलै,
बिन मुंह बोलै।
— उत्तर: किताब*
ऊँ देखी आंख,
सुनि लियो कान।
— उत्तर: सपना*
छाना बिन पाणी,
धारा बणि आनि।
— उत्तर: आँसू*
घुंघट मा रै छै,
बाजा बजै छै।
— उत्तर: ढोलक*
ओ बणै डाँड़,
न लोटै न बांध।
— उत्तर: पथ्थर*
काला पीठ,
सफेद मुख।
— उत्तर: स्लेट*
थाल में होलि,
राति दिन टोलि।
— उत्तर: चाँदनी*
दूध पिलावणु,
फेरि काटी ल्यावणु।
— उत्तर: गाय*
उज्यालो म मूंदि,
अंधियारो म खुंदी।
— उत्तर: आंख*
भितरि छ नून,
बाहरि छ मून।
— उत्तर: जीभ*
न धूप छै, न छाँव
छै,
फेरि सब म्यान छै।
— उत्तर: हवा*
ऊँ थारी मा बैठो,
राति भरि कै खेलो।
— उत्तर: चाँद*
एक आँख बणै उज्याली,
एक आंख बणै अंधियारी।
— उत्तर: सूरज और चाँद*
ऊँ बणै तिरछा धनुष,
पानी में छोड़े न फुस।
— उत्तर: इन्द्रधनुष*
सिर माथि रहै,
बारिश म तरै।
— उत्तर: टोपी*
छू नै सकूँ,
फेरि भी देखूँ।
— उत्तर: सपना*
न उड़ै पंखी,
न बोले मुखी।
— उत्तर: पतंग*
ओ बणै रोड़ी,
लुड़कण बणै गोदी।
— उत्तर: गेंद*
एक ठुली मटकी,
सबे मँ भटकी।
— उत्तर: धरती*
ठंडा बणै पानी,
फेरि जलै जवानी।
— उत्तर: शराब*
नैन में बसे,
देखण में रस।
— उत्तर: प्रियजन*
न बातै, न सुणै,
फेरि भी सब बुझै।
— उत्तर: संकेत*
घण्टा न बजै,
फेरि समय बतै।
— उत्तर: घड़ी*
ऊँ कु ह्वे न चूल्हा,
फेरि जलै बालौ।
— उत्तर: मोमबत्ती*
खाई बिन स्वाद,
हर मनुज कु बाद।
— उत्तर: प्रेम*
गोल गोल घेरा,
बीच म उजियारा।
— उत्तर: दीपक या सूरज*
माथो में बटी,
हाथ म ठिठी।
— उत्तर: कुल्हाड़ी*
लाली-लाली छ मुख म,
फेरि भी बात न करे।
— उत्तर: सेब*
एक खंभा ऊँ बणै,
सब बात उसमें बणै।
— उत्तर: मोबाइल टॉवर*
कुल्ली म बोलै,
पर मुंह न खोलै।
— उत्तर: रेडियो*
जांगर में झोंक,
फेरि न निकरै ठोंक।
— उत्तर: भावना*
घड़ी म न सुई,
फेरि समय बताई।
— उत्तर: मोबाइल घड़ी*
पीठ में बैठी,
तनु में सैंठी।
— उत्तर: रीढ़ की हड्डी*
गोल बणै ढोल,
बजै बिन मोल।
— उत्तर: ढोलक*
फिरै दिन भरि,
बैठै रात भरि।
— उत्तर: सूरज*
छांह बणै पग पग,
पर साथ नै आवै।
— उत्तर: परछाईं*
थाल म जल,
चांदी सी चाल।
— उत्तर: झील*
ठुली छोरी बणै,
तिवारी कहाणी कहै।
— उत्तर: बुजुर्ग दादी*
भितर जलै,
बाहर मलै।
— उत्तर: मोमबत्ती*
खुलै न खोलै,
भीतर छ भोलै।
— उत्तर: मन*
गोल गोल रोटी,
सबै खाई मोटी।
— उत्तर: रोटी*
पीठ में भरै,
खेत म करै।
— उत्तर: खाद/गोबर*
नद में नाल,
पिऊ बिन हाल।
— उत्तर: मछली*
घुँघरू बणै पहरै,
बिन बाजा न हरै।
— उत्तर: नर्तकी*
ठंड में मीठो,
गर्मी में खारो।
— उत्तर: गुड़*
माथो म राखै,
रीत म चलै।
— उत्तर: सिन्दूर*
अंधियारो की साथी,
न रोटी न भात की।
— उत्तर: दीया/दीपक*
गोल बणै मेला,
बीच म खेला।
— उत्तर: गाँव का मैदान*
पानी म फूटै,
खेत म छूटै।
— उत्तर: बीज*
भिंड में खेलै,
कांध में झेलै।
— उत्तर: हल*
माटी म जनमै,
थाली म समै।
— उत्तर: अन्न*
एक बणै पात,
मुँह म जात।
— उत्तर: पान*
लाल बणै अग्नि,
घी बिन भटकि।
— उत्तर: चूल्हा*
गोल घेरा में दौड़,
थकनु न छ छोर।
— उत्तर: पंखा*
धूप से डरै,
पानी में मरे।
— उत्तर: नमक*
मनुज स्यूँ बोले,
उत्तर न खोले।
— उत्तर: फोन/मोबाइल*
बिना कुल्हाड़ी,
लकड़ी काटै।
— उत्तर: आरी*
पानी म पलै,
जाल स्यूँ चलै।
— उत्तर: मछुआरा*
अन्नू बणै थाल,
भीतरि रै बाळ।
— उत्तर: फल*
धरती म गिरै,
नास म भरै।
— उत्तर: खुशबू*
घोड़ा बणै पिंडु,
न चोपै न हिंडु।
— उत्तर: खिलौना*
छाँव बणै ऊपर,
रैण में दीप बणै।
— उत्तर: चाँद*
बिना रसोई,
बणै मिठाई।
— उत्तर: प्रेम भरी बात*
बिन नथन के नाक,
फेरि भी बहुत ताक।
— उत्तर: मुंह*
माथ म लाल,
मन म बाळ।
— उत्तर: बिंदी*
ऊँ घुरघुर्याल बणै,
टंकार बिन बजै।
— उत्तर: बिजली
पीठ में डंडा,
खोपड़ी में फंडा।
— उत्तर: कुल्हाड़ी
एक थाल में तीन पात,
तीनों खाँदै साथ।
— उत्तर: खाना – दाल, चावल, रोटी
बिना पहरुआ कु दरवाजो,
फेरि खोलै न ताला।
— उत्तर: मुंह
धरती ऊपर,
पैर नीचे।
— उत्तर: जूता*
खाट म टंगै,
माट म जंगै।
— उत्तर: रस्सी
बिन मुख को बात,
सबईं सुणणि खात।
— उत्तर: हवा*
मुँह मा मीठास,
पेट मा प्यास।
— उत्तर: आम*
नस नस में बणै बात,
फेरि तनै न देखै जात।
— उत्तर: खून*
एक मुख, दुई
कांठा,
फेरि भी सब मुँह बाठा।
— उत्तर: चम्मच*
धुंध बणै खाई,
देखणु भारी पाई।
— उत्तर: कोहरा*
ऊँ कु मुख सुणै सब बात,
फेरि खुद ना दे बात।
— उत्तर: टेलीफोन*
थाल बणै गोल,
भीतरि छलकण बिन मोल।
— उत्तर: तालाब*
बिन ठूंठ छाल,
बिन पाणी चाल।
— उत्तर: गाड़ी*
ऊँ टोकरी बणै लाली,
सब खावै रुमाली।
— उत्तर: तरबूज*
गोल गोल करिया,
भीतर भैरिया।
— उत्तर: अंगूर*
ऊँ फूटै नल म,
ज्यूं ज्यूं पियूं त्यूं त्यूं कम।
— उत्तर: पानी*
छिपकली स्यूं डरी,
पर दीवार म जरी।
— उत्तर: परछाईं*
न पंखी, न बोल,
फेरि उड़े डोल डोल।
— उत्तर: पतंग*
काले कपड़ा ओढ़ी,
फेरि उज्याली छोड़ी।
— उत्तर: तवा*
कु तू टोक, कु तू
रोक,
फेरि भीतर ज्वाला झोक।
— उत्तर: रसोई*
एक नाली में सब बैठै,
पर मुँह न देखै।
— उत्तर: सीढ़ी*
घास के ढेर म,
बिन घास का सेर म।
— उत्तर: सुई*
चले बिना ठेठ,
उड़े बिना पंख।
— उत्तर: समय*
लाखों म घुस,
चुपचाप करै धुस।
— उत्तर: विचार*
ऊँ बैठो न मुँह,
न थाली, न चम्मच।
फेरि सब भूख भुला दे।
— उत्तर: कहानी/कथा
छाना बिन टपके,
बारिश बिना भगे।
— उत्तर: आँसू*
धूप बणै, छाँव
बणै,
सबकी होवै चाह बणै।
— उत्तर: प्यार*
भाषा बणै, बानी
बणै,
बिन मुख सब कुछ कहै।
— उत्तर: इशारा*
ऊँ काली पिंडु बणै,
भीतरि ग्यान बणै।
— उत्तर: किताब*
ज्यूं ज्यूं चलै,
त्यूं त्यूं घटै।
— उत्तर: मोमबत्ती*
न हाड छै, न मांस,
फेरि भी जग म व्यास।
— उत्तर: आत्मा*
बिन घर का बास,
बिन खिड़की दरबास।
— उत्तर: सड़क*
ऊँ टपरी में झांकणु,
भीतर से चिल्लाणु।
— उत्तर: कुकर*
न खेत, न बीज,
फसल ह्वे मीठी चीज।
— उत्तर: गीत*
न तलवार, न लाठी,
फेरि डरावै सब भाठी।
— उत्तर: सपना*
थाली में चमकै,
आकाश म दमकै।
— उत्तर: सूरज*
न नाव, न घाट,
फेरि बहै दिन रात।
— उत्तर: हवा*
उतरै न चढ़ै,
फेरि घड़ी भरि चलै।
— उत्तर: साँस*
आकाश म सजै,
राति म चमकै।
— उत्तर: तारा*
लालो लाली ओठ,
बात करे मीठो।
— उत्तर: प्रेमिका*
न देखै न जानै,
फेरि भी सब माने।
— उत्तर: भगवान*
ऊँ कु रंग छ स्याह,
साचु में बणै ग्यान।
— उत्तर: अक्षर*
न हाथ छ, न पाँव
छ,
घर घर म मान छ।
— उत्तर: नाम*
भितर झाँकै,
मुख म लाज राखै।
— उत्तर: आईना*
खान म जो जाय,
थाली म न आय।
— उत्तर: हवा/गंध*
बिना खम्भा, बिना
दीवार,
सबकै सिर ऊपर तैयार।
— उत्तर: आकाश*
आँखि बणै, नयन
बणै,
बिन देखै सब जानै।
— उत्तर: प्रेम*
धुआं निकरै बिना आग,
सब बणै मन म भुलाव।
— उत्तर: झूठ*
भूख बणै, प्यांस
बणै,
त्याग म तृप्ति आनै।
— उत्तर: तपस्या*
गोल गोल लट्टू,
बिन धागा झटपू।
— उत्तर: गेंद*
चुपचाप चली,
आवाज न हली।
— उत्तर: बिल्ली*
नस नस म रै छै,
फिर भी न देखै छै।
— उत्तर: खून*
छोटा बणै बखत,
लाचार बणै सकत।
— उत्तर: समय*
आँखों का पानी,
मन की कहानी।
— उत्तर: आँसू*
बिन रस्ता चलै,
बिन बाता बोलै।
— उत्तर: मोबाइल*
छाँव बणै जल म,
चलै बिना पंख।
— उत्तर: परछाईं*
उज्याली म जन्म,
अंध्यारो म लोप।
— उत्तर: सूरज*
मन में उठै,
मन ही म बैठै।
— उत्तर: विचार*
गूंगा भी बोले,
बहिरा भी सुणै।
— उत्तर: सपना*
कुमाऊँनी पहेली संग्रह (भाग 5)
पहेली:
पानी खै जौ, घाम खै जौ,
नै खै जौ तो मरै जौ।
उत्तर: नमक
पहेली:
कालै म्याळ, पाताळी जात,
घुर-बगड़ म्यारी बात।
उत्तर: धुँवा
पहेली:
बिणसै नि ओ घण्ट,
प्याट ल्यै रै छै काँट।
उत्तर: मधुमक्खी
पहेली:
कालो घोड़ा, बासुली पूँछ,
जेले नि बोलै, बण्यौ नि सूँछ।
उत्तर: तवा (तव्वा)
पहेली:
दू ज्यूँ छै बड़का-बड़का,
बीच में छै रस्ता।
उत्तर: दरवाजा
पहेली:
बिना खुट्टा, बिना गोड़ा,
सब डाँड-काँठी जालै।
उत्तर: नदी
पहेली:
भितर बसै राजा,
बाहिर नाचै बाजा।
उत्तर: दिल
पहेली:
घस-घस चाल,
बिना खुट्टा हाल।
उत्तर: साँप
पहेली:
पीठ में जामण, मुँह में पानी,
खाल में टोट।
उत्तर: तरबूज
पहेली:
ऊँचा-ऊँचा डाँड छँ,
बीच में छै खेत,
नै बोवै, नै खुटवै,
सालभर रहै भेत।
उत्तर: मुँह (दाँत और जीभ)
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