उत्तराखण्ड की राजी जनजाति।
राजी जनजाति के लोग पिथौरागढ़ के धारचूला, डीडीहाट विकासखण्डो के 7 गांवों में रहती हैराजी जनजाति को बनरौत या जंगल का राजा कहा जाता
राज्य की सबसे कम आबादी वाली जनजाति राजी जनजाति है
राजी जनजाति के लोग काष्ठ कला में निपुण होते हैं
राजी जनजाति के आवासों को रौत्यूड़ा कहा जाता है
राज्य की सबसे कम आबादी वाली जनजाति राजी जनजाति है
राजी जनजाति के लोग काष्ठ कला में निपुण होते हैं
राजी जनजाति के आवासों को रौत्यूड़ा कहा जाता है
राजी जनजाति की बोली को मुण्डा कहा जाता है
राजियों की भाषा में तिब्बती व संस्कृत शब्दों की अधिकता होती है 2001 की जनगणना अनुसार राजियों की राज्य में कुल जनसंख्या लगभग 528 थी, राजी लोग स्वयं को राजपूत मानते है
राजी जनजाति में विवाह दो परिवारो के बीच समझौता माना जाता
राजियों की भाषा में तिब्बती व संस्कृत शब्दों की अधिकता होती है 2001 की जनगणना अनुसार राजियों की राज्य में कुल जनसंख्या लगभग 528 थी, राजी लोग स्वयं को राजपूत मानते है
राजी जनजाति की विशेषता
राजी जनजाति में पहले पलायन विवाह का प्रचलन थाराजी जनजाति में विवाह दो परिवारो के बीच समझौता माना जाता
विवाह से पूर्व राजी जनजाति में सांगजांगी, पिंठा संस्कार प्रथा प्रचलित है
राजियों में वधू-मूल्य प्रथा का प्रचलन है।
राजी जनजाति में विवाह-विच्छेद के लिए स्त्रियों पुरूषों को समान अधिकार प्राप्त हैं स्त्रियों को परदे में रखने व रसोई में किसी दूसरे व्यक्ति को प्रवेश न देने की परम्परा है।
राजियों में वधू-मूल्य प्रथा का प्रचलन है।
राजी जनजाति में विवाह-विच्छेद के लिए स्त्रियों पुरूषों को समान अधिकार प्राप्त हैं स्त्रियों को परदे में रखने व रसोई में किसी दूसरे व्यक्ति को प्रवेश न देने की परम्परा है।
राजी जनजाति की धार्मिक व्यवस्था
राजी जनजाति के प्रमुख देवता बाघनाथ है, यह लोग गणनाथ, मलैनाथ, मल्लिकार्जुन व छुरमल देवी-देवता की पूजा करते हैंराजी जनजाति के प्रमुख त्योहार कर्क व मकर संक्राति है
राजी जनजाति के लोग झूम विधि से खेती करते है
राजी जाति से सम्बंधित महत्वपूर्ण बिन्दु
राजी जनजाति में मूक या अदृश्य विनिमय पाया जाता हैराजी जनजाति के लोग झूम विधि से खेती करते है
राजी जनजाति के लोग रिंग डांस करते है, जो थड़िया नृत्य के समान है
सर्वाधिक राजी जनजाति आबादी पिथौरागढ़ में रहती है
सप्ताह के दिनों के नाम का अलग स्वरूप राजियों में मिलता है
सर्वाधिक राजी जनजाति आबादी पिथौरागढ़ में रहती है
सप्ताह के दिनों के नाम का अलग स्वरूप राजियों में मिलता है
राजी जनजाति में प्रथम विधायक गगन सिंह रजवार है।
टब्बर राजी जनजाति से सम्बन्धित है
टब्बर राजी जनजाति से सम्बन्धित है
Follow Us